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India Daily

ट्रंप की वो चमत्कारी दवा जिसने 6 देशों में ली 17 हजार लोगों की जान, इन देशों को हुआ सबसे ज्यादा नुकसान

Donald Trump Miraculous Medicine: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2020 में एक दवा का प्रमोशन किया था. उन्होंने इस दवा को चमत्कारी और कोरोना से निजात दिलाने वाली दवा बताया था. हालांकि, अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है इस दवा से हजारों लोगों की जान जा चुकी है.

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Edited By: Shubhank Agnihotri
TRUMP

हाइलाइट्स

  • ट्वीट कर किया था दवा का प्रमोशन 
  • इन देशों में हजारों लोगों की गई जान 

Donald Trump Miraculous Medicine: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साल 2020 में एक दवा का प्रमोशन किया था. उन्होंने इस दवा को चमत्कारी और कोरोना से निजात दिलाने वाली दवा बताया था. हालांकि, अब एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है इस दवा से 6 देशों में 17 हजार लोगों की जान जा चुकी है. यह रिपोर्ट फ्रेंच रिसर्चर्स की स्टडी के नतीजों से सामने आई है. 

ट्वीट कर किया था दवा का प्रमोशन 

इस रिपोर्ट में जिस दवा का जिक्र किया गया उसका नाम हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बताया गया है.ट्रंप ने 21 मार्च 2020 को एक ट्वीट के हवाले से इसे चमत्कारी दवा करार दिया था. मैं कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इसका लगातार सेवन कर रहा हूं. आप कोरोना से बचने के लिए इसका सेवन कर सकते हैं.इससे किसी की जान को कोई नुकसान नहीं होगा. अमेरिका के फूड ड्रग एंड एडमिनिस्ट्रेशन ने इस दवा के प्रयोग के इस्तेमाल को मंजूरी देने का अच्छा काम किया है. 

स्टडी में सामने आई यह जानकारी 

FDA ने जून 2020 में ही इस दवा के इमरजेंसी इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी. तब उसकी ओर से बयान जारी करके कहा गया था कि स्टडी में हमने पाया है कि इस मेडिसिन का कोविड को ठीक करने में कोई असर नहीं होता बल्कि इससे मौत का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, FDA ने इस दवा को मलेरिया, ल्यूपस जैसी बीमारियों के लिए मंजूरी दी थी. लेकिन उस समय कोरोना की दवाई मौजूद न होने के कारण अस्पताल में मरीजों को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दे रहे थे. 

इन देशों में हजारों लोगों की गई जान 

फ्रांस के रिसर्चर्स ने मार्च 2020 से जुलाई 2020 के बीच कोरोना की पहली लहर में हुई मौतों पर केस स्टडी की. इस स्टडी में सामने आया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन खाने वाले मरीजों का दिल और मसल्स कमजोर हो गए. इस रिसर्च में कहा गया कि अमेरिका, फ्रांस, इटली, स्पेन, तुर्किये में इस दवा के सेवन से 17 हजार लोगों की मौत हो गई. सबसे अधिक मौतें 12,739 अमेरिका में हुईं. 1,895 स्पेन में, 1,822 मौतें इटली में,  240 मौतें बेल्जियम में 199 मौतें फ्रांस और 95 लोगों की जान तुर्किये में गई है.