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India Daily

भारत को हर मोर्चे पर घेरने की तैयारी में चीन, दो कट्टर दुश्मनों को एक साथ लाकर बढ़ाई हिंदुस्तान की चिंता

भारत के खिलाफ चीन अक्सर कोई न कोई रणनीति बनाता रहता है. ऐसे में अब वो हिंदुस्तान को तीन की तरफ से घेरने की तैयारी में है. चीन ने पाकिस्तान और बांग्लादेश को एक मंच पर ला दिया है.

China Pakistan Bangladesh
Courtesy: Social Media

चीन ने भारत को रणनीतिक रूप से घेरने की एक नई चाल चली है. उसने पहली बार अपने दो पड़ोसी देशों, पाकिस्तान और बांग्लादेश, जो कभी एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन रहे, को एक मंच पर लाकर त्रिपक्षीय सहयोग की नींव रखी है. गुरुवार को चीन के कुनमिंग शहर में हुई इस बैठक ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं. इस बैठक में व्यापार, निवेश और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात हुई, लेकिन भारत इसे अपने खिलाफ एक बड़ी साजिश के रूप में देख रहा है.

चीन ने अपने उप विदेश मंत्री सन वेइदोंग की अगुवाई में इस ऐतिहासिक बैठक की मेजबानी की. इसमें बांग्लादेश के कार्यवाहक विदेश सचिव रूहुल आलम सिद्दीकी और पाकिस्तान के अतिरिक्त विदेश सचिव इमरान अहमद सिद्दीकी ने हिस्सा लिया. पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शुरुआती चर्चा में शामिल हुईं. चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, तीनों देशों ने व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और समुद्री मामलों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई. इसके लिए एक कार्यसमूह भी बनाया जाएगा.

पाकिस्तान और बांग्लादेश का नया गठजोड़

पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच संबंध 1971 के युद्ध के बाद से तनावपूर्ण रहे हैं. लेकिन हाल के वर्षों में, खासकर बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद, दोनों देश करीब आए हैं. अगस्त 2024 में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ रक्षा, व्यापार और कूटनीति में सहयोग बढ़ाया है. माना जा रहा है कि इस बदलाव में पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई का बड़ा हाथ है.

चीन की बांग्लादेश में बढ़ती पैठ

चीन ने भी बांग्लादेश की नई सरकार के साथ अपने आर्थिक रिश्तों को मजबूत किया है. वह बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश कर रहा है. दूसरी ओर, पाकिस्तान और चीन पहले से ही गहरे रणनीतिक साझेदार हैं, विशेष रूप से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) के जरिए. अब बांग्लादेश को इस गठजोड़ में शामिल कर चीन भारत को दक्षिण एशिया में अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है.