China New Military Base: चीन ने अमेरिका के नाक के बीचे अपना सैन्य अड्डा बना दिया. इस खबर के सामने आते ही अमेरिका की नींद उड़ गई है. दरअसल चीन अमेरिका को उसी के घर कैरिबियाई देश में एंटागुआ में घेरने की तैयारी कर चुका है. चीन ने इसके लिए कैरिबियन देश में बुनियादी विकास में अपना निवेश काफी हद तक बढ़ा दिया है. इस कारण एंटागुआ पर चीनी कर्ज भी ज्यादा हो गया है.
चीन ने यहां लगभग 1000 अपने सैनिक तैनात कर रखे हैं. बीजिंग ने एंटीगुआ के 1000 एकड़ द्वीप को सैन्य अड्डे के रूप में ठिकाना बनाया है. जानकारों के मुताबिक, इस द्वीप का इस्तेमाल अमेरिका की जासूसी करने वाले सैन्य अड्डे के रूप में हो सकता है. यह अमेरिका से 350 किमी की दूरी पर स्थित है.
एंटीगुआ में चीन की मौजूदगी से अमेरिका की टेंशन में काफी वृद्धि हो सकती है. न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटीगुआ के इस द्वीप को चीन एक विशेष आर्थिक क्षेत्र के रूप में स्थापित करना चाहता है. चीन के कब्जे वाले इस द्वीप पर सीमा शुल्क और आव्रजन जैसी औपचारिकताएं भी होंगी. इस द्वीप पर एक शिपिंग बंदरगाह और एयरलाइन का भी निर्माण होगा. चीन यहां लॉजिस्टिक्स से लेकर क्रिप्टोकरेंसी, वॉयरोसर्जरी प्रदान करने वाले व्यवसायों को भी स्थापित करेगा.
अमेरिकी सेना के फ्लोरिडा में मौजूद दक्षिणी कमान के स्पोक्सपर्सन ने वीकली समाजार आउटलेट को बताया कि चीन इसका प्रयोग वाणिज्यिक और राजनयिक उपस्थिति के लिए कर सकता है. चीन एशिया, मध्य-पूर्व और अफ्रीका में अपना प्रभाव बढ़ा चुका है. चीन के कैरिबियाई देश में बढ़ते प्रभाव को लेकर अमेरिका की मुश्किलें काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.
एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन ने सेंट जोन्स में अपने इंटरव्यू में चीनी नेता जिनपिंग की प्रशंसा की. राजधाना सेंट जोन्स में केवल 97000 लोग रहते हैं. ब्राउन ने कहा कि पश्चिमी देश हमारी आवश्यक मदद नहीं कर पा रहे हैं. चीन एक ऐसा देश है जो गरीबों और वंचितों के प्रति सहानुभूति रखता है.