Pakistan Terrorist Hideout: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय आतंकियों में खौफ का माहौल है. भारतीय सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में टेरर कैंप्स और भर्ती केंद्रों को बड़ी सफलता से निशाना बनाया. यही वजह है कि अब आतंकी संगठन अपने पुराने अड्डे छोड़ने को मजबूर हो गए हैं. खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठन अब पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में नए ठिकाने तलाश रहे हैं. यह वही इलाका है जिसे अफगानिस्तान युद्ध के दौरान आतंकियों ने सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल किया था.
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भारत की एयर स्ट्राइक और ड्रोन हमलों ने आतंकियों को गहरी चोट दी है. PoK अब उनके लिए सुरक्षित नहीं रहा, इसलिए मजबूरी में वे खैबर पख्तूनख्वा की ओर रुख कर रहे हैं. यहां उन्हें पाकिस्तान सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का सीधा सहयोग मिल रहा है, जिससे वे नए कैंप्स और भर्ती केंद्र खड़े कर सकें.
पहले आतंकी संगठन PoK में ही ट्रेनिंग कैंप और भर्ती रैलियां आयोजित करते थे. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने इन अड्डों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. इसी कारण अब जैश और हिज्बुल अपने नेटवर्क को खैबर पख्तूनख्वा में शिफ्ट कर रहे हैं.
खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी पुलिस और सेना इन आतंकियों की खुलेआम मदद कर रही है. यहां तक कि जैश-ए-मोहम्मद की सभाओं को पुलिस सुरक्षा भी दी जा रही है. 14 सितंबर को मानसेहरा जिले के गढ़ी हबीबुल्लाह में एक भर्ती रैली हुई, जिसमें वांटेड आतंकी मुफ्ती मसूद इलियास कश्मीरी ने भाग लिया.
इलियास कश्मीरी के भाषण का विश्लेषण बताता है कि जैश अब अल-कायदा से अपने संबंध मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है. उसने सार्वजनिक रूप से ओसामा बिन लादेन की प्रशंसा की. इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना प्रमुख पर यह आरोप भी लगा कि उसने सैन्य अधिकारियों को आतंकी अंतिम संस्कार में शामिल होने का आदेश दिया था.
जैश-ए-मोहम्मद 25 सितंबर को पेशावर में एक बड़ा कार्यक्रम करने की योजना बना रहा है. यह आयोजन मसूद अजहर के भाई यूसुफ अजहर की याद में होगा, जो ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था. वहीं हिज्बुल मुजाहिदीन 'HM 313' नामक नया प्रशिक्षण केंद्र खैबर पख्तूनख्वा में बना रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, यह प्रशिक्षण केंद्र पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान के नेतृत्व में तैयार हो रहा है. बांदा क्षेत्र में इसके लिए जमीन भी खरीदी जा चुकी है और ऑपरेशन सिंदूर के बाद निर्माण तेज़ी से बढ़ा है. इन गतिविधियों से साफ है कि आतंकी संगठन भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने के बजाय नए ठिकाने बना रहे हैं, और इसमें उन्हें पाकिस्तान सरकार की सीधी मदद मिल रही है.