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अफ्रीकी देश नाइजर ने अमेरिका को दिया बड़ा झटका, सकते में आ गए प्रेसिडेंट बाइडन

USA News: अफ्रीकी देश नाइजर ने अमेरिका के साथ सैन्य समझौते को खत्म कर दिया है. नाइजर का यह फैसला पश्चिमी अफ्रीका में अमेरिकी हितों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

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USA News: अमेरिकी प्रभुत्व को अफ्रीका के एक छोटे से देश नाइजर ने चुनौती दी है. नाइजर के इस फैसले ने अमेरिकी प्रशासन को सकते में डाल दिया है. दरअसल नाइजर में सत्तारूढ़ सैन्य प्रवक्ता कर्नल अमादौ अब्द्रमाने ने नाइजर के संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ अपने सैन्य समझौते को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने की घोषणा कर दी है. यह इस क्षेत्र में अमेरिकी सुरक्षा हितों के लिए एक बड़ा झटका है. नाइजर और अमेरिका के बीच स्थापित सैन्य समझौते के तहत अमेरिकी सैनिकों और नागरिक रक्षा कर्मियों को अफ्रीका के साहेल क्षेत्र में स्थापित सैन्य एयरबेस को संचालित करने में बड़ी मदद मिलती थी. 

सेना के कर्नल अमादौ अब्द्रमाने ने इस निर्णय की घोषणा शनिवार को तब की जब अफ्रीकी मामलों के सहायक सचिव मौली फी और अमेरिकी अफ्रीका कमान के प्रमुख जनरल माइकल लैंगली के नेतृत्व में वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों ने लोकतांत्रिक परिवर्तन पर चर्चा करने के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में पश्चिम अफ्रीकी देश नाइजर का दौरा किया था. कर्नल के मुताबिक, अमेरिका ने नाइजर की संप्रभुता का पालन नहीं किया और बगैर सूचना के लोकतांत्रिक परिवर्तन कार्यक्रम की शुरुआत कर दी.  स्थानीय टेलीविजन पर अब्द्रामने ने बोलते हुए कहा कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने राजनयिक प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, और नाइजर को प्रतिनिधिमंडल की संरचना, उसके आगमन की तारीख या एजेंडे के बारे में सूचित नहीं किया था. 

व्हाइट हाउस द्वारा कांग्रेस को दी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर में नाइजर में अमेरिकी सेना के लगभग 650 कर्मचारी काम कर रहे थे. अमेरिकी सेना नाइजर की राजधानी नियामी से लगभग 920 किमी (572 मील) दूर, नाइजर शहर अगाडेज में एक प्रमुख एयरबेस संचालित करती है, इसका उपयोग मानवयुक्त और मानवरहित निगरानी उड़ानों और अन्य अभियानों के लिए करती है. 

अगाडेज में मौजूद ड्रोन बेस को एयर बेस 201 के नाम से भी जाना जाता है. इसे लगभग 100 मिलियन डॉलर की लागत से बनाया गया था.  अमेरिका 2018 से इस बेस का इस्तेमाल साहेल क्षेत्र में आईएसआईएल (आईएसआईएस) लड़ाकों और अल-कायदा से जुडे़ जमात नुसरत अल-इस्लाम वाल मुस्लिमीन (जेएनआईएम) को निशाना बनाने के लिए किया जाता रहा है. 

अमेरिकी सरकार की सबसे महंगी परियोजना 

अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिमी और उत्तरी अफ्रीका में सैन्य ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए नाइजर अमेरिका का प्रमुख  केंद्र था. नाइजर में एयरबेस 201 को बनाने के लिए अमेरिका ने भारी-भरकम धनराशि का निवेश किया था. यह अमेरिकी सरकार द्वारा सबसे महंगी निर्माण परियोजना है. अमेरिका ने इसका निर्माण आतंकी अभियानों से निपटने के लिए किया था लेकिन वास्तव में इसका निर्माण रूस और चीन जैसी सैन्य शक्तियों पर दवाब डालने के लिए किया गया था. 

सैन्य शासन के अधीन है नाइजर 

नाइजर पिछले साल जुलाई 2023 से सैन्य शासन के अधीन है.  जनरल अब्दौराहमाने त्चियानी के नेतृत्व में एक विशिष्ट गार्ड बल ने राष्ट्रपति मोहम्मद बज़ौम को हिरासत में लिया था. जिसके बाद जनरल ने खुद को शासक घोषित कर दिया था. इसके बाद अमेरिका ने नाइजर में लोकतंत्र  बहाली के लिए नाइजर के सैन्य शासन पर कार्रवाई की धमकी दी थी और आरोप लगाया था कि वह ईरान के साथ गुप्त समझौतों में शामिल है.  पड़ोसी माली और बुर्किना फासो में सैन्य शासकों की तरह, नाइजर ने भी फ्रांसीसी और अन्य यूरोपीय सेनाओं को बाहर कर दिया है.  माली और बुर्किना फासो दोनों ने समर्थन के लिए रूस का रुख किया है.