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India Daily

भाई ने की अपनी 6 साल की बहन और मां की चाकू मारकर हत्या, फिर घर में आग लगाकर जला दिए शव

लिलिया और उनका परिवार तीन साल पहले यूक्रेन में युद्ध के कारण बेल्जियम में शरण लेने आए थे. लिलिया का पति अभी भी यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे पर है, जबकि उनका 16 वर्षीय बेटा घटना के समय स्कूल में था और अब अधिकारियों की देखरेख में है.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
16-year-old boy stabbed his mother and 6-year-old sister to death in Belgium then set house on fire

बेल्जियम के हासरोड में 6 जून को एक दिल दहलाने वाली घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया. 46 वर्षीय यूक्रेनी शरणार्थी लिलिया और उनकी छह वर्षीय बेटी अन्ना की चाकूबाजी के बाद हत्या कर दी गई. उनके घर में जानबूझकर आग लगाई गई थी. ल्यूवेन अभियोजक कार्यालय ने इस दोहरे हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है.

अपार्टमेंट से बरामद हुए दो शव

सुबह लगभग 9:30 बजे मिल्सेस्ट्राट पर स्थित एक पूर्व रेक्टरी, जो अब शरणार्थियों के आश्रय स्थल के रूप में उपयोग की जाती है, में आग लगने की सूचना मिली. दमकलकर्मियों ने 10:20 बजे तक आग पर काबू पा लिया, लेकिन पहली मंजिल के अपार्टमेंट में खोज के दौरान दो शव बरामद किए गए. वीआरटी, सुडइन्फो और ला लिब्रे के अनुसार, मां की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि बच्ची को बचाने की कोशिशें नाकाम रहीं. दोनों के शरीर पर चाकू के घाव पाए गए.

जांच में आगजनी की पुष्टि
अग्निशमन विशेषज्ञों ने पुष्टि की कि आग जानबूझकर लगाई गई थी. अभियोजक कार्यालय ने इसे दोहरी हत्या मानकर 10 जून को शव परीक्षण की योजना बनाई है ताकि मृत्यु के सटीक कारण का पता लगाया जा सके.

परिवार की दुखद कहानी
लिलिया और उनका परिवार तीन साल पहले यूक्रेन में युद्ध के कारण बेल्जियम में शरण लेने आए थे. लिलिया का पति अभी भी यूक्रेन में युद्ध के मोर्चे पर है, जबकि उनका 16 वर्षीय बेटा घटना के समय स्कूल में था और अब अधिकारियों की देखरेख में है. यह आश्रय स्थल स्थानीय चर्च की संपत्ति है, जिसे औड-हेवरली नगर पालिका ने यूक्रेनी शरणार्थियों के लिए किराए पर लिया था.

समुदाय में शोक की लहर
कार्यवाहक मेयर फ्रांसिस वैन बीसब्रोक ने समुदाय की पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, “एक छोटी बच्ची की मृत्यु पूरे समुदाय को प्रभावित करती है, विशेषकर स्कूल को.” उन्होंने आपातकालीन सेवाओं और सहायता कर्मियों की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की. ल्यूवेन पैरिश के फादर मायकोला पालियुख ने इसे “एक त्रासदी” करार देते हुए कहा, “परिवार युद्ध से बचकर बेहतर जीवन की उम्मीद में आया था, लेकिन ऐसी त्रासदी ने उन्हें घेर लिया.”

जांच जारी
प्राधिकरण इस हत्या और आगजनी के पीछे की परिस्थितियों का पता लगाने के लिए गहन जांच कर रहे हैं. यह घटना यूक्रेनी शरणार्थियों की कठिनाइयों को और उजागर करती है.