menu-icon
India Daily

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड में कहां है धराली जहां बादल फटने से सब कुछ हुआ तबाह, यहां जानें A to Z जानकारी

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक भयावह प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव को अपनी चपेट में ले लिया है. गंगोत्री के निकट हर्षिल घाटी में बादल फटने से खीर गंगा नाले में अचानक बाढ़ आ गई, जिसने धराली गांव में भारी तबाही मचाई.

Uttarkashi Cloudburst

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में एक भयावह प्राकृतिक आपदा ने धराली गांव को अपनी चपेट में ले लिया है. गंगोत्री के निकट हर्षिल घाटी में बादल फटने से खीर गंगा नाले में अचानक बाढ़ आ गई, जिसने धराली गांव में भारी तबाही मचाई.

इस आपदा में कई होटल और होमस्टे पूरी तरह नष्ट हो गए, और कई लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है. अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. आइए जानते हैं धराली गांव के बारे में और इस आपदा से हुए नुकसान का पूरा विवरण.

कहां और क्यों खास है धराली गांव?

धराली, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की भटवारी तहसील में स्थित एक खूबसूरत गांव है. यह हर्षिल घाटी का हिस्सा है और गंगोत्री यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है. समुद्र तल से 2,745 मीटर (9,005 फीट) की ऊंचाई पर यह गांव बसा है.

धराली, हर्षिल से मात्र 7 किमी और उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 79 किमी की दूरी पर है. उत्तरकाशी से यहां पहुंचने में लगभग ढाई से तीन घंटे का समय लगता है. यह गांव हर्षिल और गंगोत्री के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है.

धराली की जनसंख्या

2011 की जनगणना के अनुसार, धराली एक मध्यम आकार का गांव है, जहां 137 परिवार निवास करते हैं. इस गांव की कुल जनसंख्या 583 है, जिसमें 307 पुरुष और 276 महिलाएं शामिल हैं. यह गांव अपनी सादगी और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इस आपदा ने इसकी शांति को भंग कर दिया है.

बादल फटने से मची तबाही

खीर गंगा नाले में बादल फटने से आई बाढ़ ने धराली गांव में भारी तबाही मचाई. लगभग 20 से 25 होटल और होमस्टे इस बाढ़ की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गए, जिनमें से 5 होटल पूरी तरह नष्ट हो गए. धराली बाजार को भी भारी नुकसान हुआ, और चारों ओर मलबे का ढेर नजर आ रहा है. श्रीखंड से खीर गंगा नाला, जो भागीरथी नदी में मिलता है, इस आपदा का केंद्र रहा. बाढ़ के कारण लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर भाग रहे हैं.

बचाव कार्य और सरकार की प्रतिक्रिया

आपदाओं के दौरान बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना हमेशा तैनात रहती है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता लोगों की जान बचाना और नुकसान को कम करना है.

बचाव टीमें दिन-रात प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हैं. धराली गांव में बादल फटने से हुई इस तबाही ने एक बार फिर प्रकृति की अनिश्चितता को उजागर किया है. प्रशासन और बचाव दलों की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि नुकसान को और कम किया जा सकेगा.