भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दिग्गज नेता एस जयशंकर ने विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है. उन्होंने दो दिन पहले ही राष्ट्रपति भवन में कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली थी. नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में केंद्र की प्राथमिकताएं क्या होंगी, पाकिस्तान और भारत के साथ संबंध कैसे होंगे, इस पर उन्होंने खुलकर बात की है. एस जयशंकर ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी भारत की नीतियों को लेकर बात की है.
विदेश मंत्री ने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विदेश नीतियां बेहद सफल होंगे. भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. यह सिर्फ हमारा नजरिया ही नहीं है, दूसरे देश भी ऐसा ही सोचते हैं. वे सोचते हैं कि भारत उनका सच्चा दोस्त है, आपदा के वक्त दुनिया ने देखा है कि एक ही ऐसा देश है, जो ग्लोबल साउथ के साथ खड़ रहा है, वह भारत है.'
विदेश मंत्री ने कहा, 'उन्होंने देखा है कि जब हमने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया. हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमारा भी मानना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान जरूर बढ़ेगी.'
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने कहा कि नरेंद्र मोदी 3.0 का फोकस चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाना है. उन्होंने कहा, 'लोकतंत्र में किसी भी देश में 3 बार लगातार चुना जाना बड़ी बात है. दुनिया को भी लग रहा है कि भारत में राजनीतिक स्थिरता है. जहां तक पाकिस्तान और चीन की बात है, दोनों देशों के साथ भारत के रिश्ते अलग-अलग हैं. चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने पर हम प्रमुखता से काम करेंगे.'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, 'भारत सीमा पार आतंक को सुलझाने की कोशिश करेगा. इस मुद्दे का हल निकाला जाएगा.' उन्होंने कहा है कि भारत सीमा विवाद के मुद्दे को गंभीरता से सुलझाने की कोशिश करेगा.
एस जयशंकर ने अपने दूसरे कार्यकाल पर कहा, 'यह बहुत गर्व की बात है कि मुझे विदेश मंत्रालय का कार्यभार मिला. मोदी सरकार में विदेश मंत्रालय अप्रत्याशित तौर पर अच्छे काम करेगा. हमें भरोसा है कि हम विश्व बंधुत्व के सिद्धांत पर काम करेंगे.
पाकिस्तान और भारत की सीमाओं पर अभी शांति है. सीजय फायर लागू है. न भारत, न ही पाकिस्तान की ओर से उकसावे की फायरिंग की जा रही है. वहीं चीन के साथ लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक विवाद की स्थिति है. चीन सीमावर्ती इलाकों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. भारत ने भी इन इलाकों में गश्ती बढ़ाई है और सेना मजबूती से डटी है. गलवान झड़प के बाद किसी हिंसक झड़प के मामले चीन के साथ सामने नहीं आए हैं.