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India Daily

H-1B वीजा और टैरिफ विवाद के बीच एस जयशंकर और मार्को रुबियो ने की मुलाकात, अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

भारत और अमेरिका के रिश्तों में हालिया तनाव के बाद दोनों देशों ने फिर से संवाद की शुरुआत की है. न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात ने रिश्तों को नई दिशा देने का काम किया है. बातचीत का मुख्य फोकस H-1B वीज़ा संकट और व्यापारिक समझौते पर रहा.

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Edited By: Kuldeep Sharma
S jaishankar - marco rubieo
Courtesy: x

भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में पिछले कुछ महीनों से खटास देखी जा रही थी. डोनाल्ड ट्रंप सरकार की ओर से भारतीय सामान पर टैरिफ लगाने और H-1B वीज़ा शुल्क को 1 लाख डॉलर तक बढ़ाने के फैसले ने दोनों देशों के बीच तनाव को और गहरा कर दिया था. अब संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की मुलाकात ने दोनों देशों के बीच फिर से सहयोग और विश्वास बहाली की उम्मीद जगा दी है.

अमेरिका में काम कर रहे हजारों भारतीय पेशेवर H-1B वीज़ा पर निर्भर हैं. ट्रंप प्रशासन के आदेश के बाद नए वीज़ा आवेदकों को 1 लाख डॉलर की फीस चुकानी होगी, जिससे भारतीय आईटी सेक्टर पर बड़ा असर पड़ने की आशंका है. हालांकि, व्हाइट हाउस ने बाद में यह स्पष्ट किया कि यह बढ़ोतरी केवल नए आवेदकों पर लागू होगी, मौजूदा वीज़ा धारकों पर नहीं. फिर भी, इस फैसले ने अनिश्चितता और चिंता बढ़ा दी है. जयशंकर और रुबियो की बातचीत में यह मुद्दा सबसे अहम रहा.

व्यापार समझौते की कोशिशें

भारत और अमेरिका दोनों ही इस समय एक नए व्यापार समझौते की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल जल्द ही अमेरिकी राजधानी वॉशिंगटन पहुंचेंगे, जहां दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच समझौते पर चर्चा होगी. जुलाई में अमेरिका द्वारा भारतीय सामान पर 25% टैरिफ लगाने और रूस से तेल खरीद पर अतिरिक्त 25% शुल्क लगाने के बाद तनाव काफी बढ़ गया था. लेकिन अब दोनों देश द्विपक्षीय निवेश संधि (Bilateral Investment Treaty) पर बातचीत कर रहे हैं, ताकि आर्थिक रिश्तों को स्थिरता दी जा सके.

संयुक्त राष्ट्र महासभा के बहाने मुलाकात

80वें संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान हुई इस मुलाकात को रिश्तों में सुधार की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है. इससे पहले दोनों नेता जुलाई में वॉशिंगटन में क्वाड के विदेश मंत्रियों की बैठक में मिले थे. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस बार की बैठक में सकारात्मक बातचीत हुई और दोनों देशों ने भविष्य में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई.

अमेरिका का रुख और भरोसा

हाल ही में अमेरिकी सीनेट में भारत से जुड़े सवालों पर विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा था कि भारत अमेरिका के लिए 'सबसे महत्वपूर्ण साझेदारियों में से एक' है. ट्रंप प्रशासन भी यह विश्वास जता चुका है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक समझौते में किसी तरह की बड़ी मुश्किल नहीं आएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही हालिया फैसलों से रिश्ते प्रभावित हुए हों, लेकिन दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग लंबे समय तक कायम रहेगा.