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तनखैया घोषित करने के मायने क्या हैं? समझिए अकाल तख्त से माफी मांगने को क्यों तैयार हो गए सुखबीर सिंह बादल

Sukhbir Singh Badal: पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त साहिब ने तनखैया घोषित कर दिया है. पंजाब में पंथक राजनीति के सहारे चलने वाले अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल तुरंत माफी मांगने को तैयार भी हो गए हैं. अकाल तख्त की ओर से यह कार्रवाई लगभग एक दशक पुराने मामलों में की गई है. 

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Edited By: India Daily Live
Sukhbir Badal
Courtesy: @Akali_Dal_ X Handle

शिरोमणि अकाली दल (SAD) के मुखिया सुखबीर सिंह बादल मुश्किल में आ गए हैं. अमृतसर में स्थित श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आज अपना फैसला सुनाया है और सुखबीर सिंह बादल को तनखैया घोषित कर दिया है. अकाल तख्त ने यह फैसला 2007 से 2017 तक चली शिरोमणि अकाली दल सरकार के दौरान लिए गए फैसलों और कुछ कथित गलतियों के चलते सुखबीर बादल के खिलाफ ऐसा फैसला सुनाया है. सिख धर्म के अहम धर्म स्थल अकाल तख्त की ओर से ऐसा फैसला आते ही सुखबीर सिंह बादल ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही माफी मांगने के लिए अकाल तख्त पहुंचेंगे.

पंजाब की सरकार में पूर्व डिप्टी सीएम रहे सुखबीर सिंह बादल इन दिनों अपनी ही पार्टी की अंदरूनी कलह से परेशान हैं. कहा जा रहा है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई भी उनकी ही पार्टी की शिकायत के आधार पर की गई है. अब उन्हें तनखैया यानी धार्मिक कदाचार का दोषी पाया गया है. इसका मतलब यह है कि वह सिख धर्म से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते हैं. पंथक राजनीति पर आधारित पार्टी शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर बादल ने भी तुरंत नरमी दिखाई है और माफी मांगने को तैयार हो गए हैं.

अपना फैसला सुनाते हुए ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा, 'डिप्टी सीएम और अकाली दल का अध्यक्ष रहते हुए सुखबीर बादल ने ऐसे फैसले लिए जिनसे पंथ की छवि को चोट पहुंची और शिरोमणि अकाली दल को भी नुकसान हुआ. इससे सिखों के हितों को भी चोट पहुंची है. उन्हें अकाल तख्त के सामने पेश होने और 15 दिनों के अंदर लिखित में सफाई देने के निर्देश दिए जाते हैं.'

क्या हैं तनखैया होने के मायने?

सिख धर्म में धार्मिक कदाचार करने के मामले में दोषी पाए जाने पर किसी को भी तनखैया घोषित किया जाता है. इसके दोषी को किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाती है. यही वजह है कि ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा है, 'जब तक सुखबीर बादल एक विनम्र सिख की तरह माफी नहीं मांगते. गुरु ग्रंथ साहिब,सिख संगत और पंज सिंह साहिबान की मौजूदगी में माफी नहीं मांगते, तब तक के लिए उन्हें तनखैया घोषित किया जाता है.'

क्यों फंस गए सुखबीर बादल?

दरअसल, शिरोमणि अकाली दल की सरकार ने डेरा सच्चा सौदा के मुखिया और रेप केस में दोषी पाए गए गुरमीत राम रहीम के खिलाफ ईश निंदा का मामला वापस ले लिया था. इतना ही नहीं, विवादित आईपीएस अधिकारी सुमेध सिंह सैनी को पंजाब का डीजीपी बनाने, बरगारी में बेअदबी के दोषियों को सजा न दिला पाने में और कोटकपुरा, बेहबाल कलां गोलीबारी कांड के पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने में उनकी सरकार असफल रही थी. इन्हीं वजहों के चलते सुखबीर सिंह बादल ने 24 जुलाई को लिखित माफीनामा भी दिया था.

अब खुद को तनखैया घोषित किए जाने पर सुखबीर बादल ने अपने X हैंडल पर लिखा है, 'वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह. यह दास श्रीअकाल तख्त साहिब की ओर से जारी आदेश को सिर झुकाकर स्वीकार करता है. आदेश के हिसाब से मैं जल्द ही श्री अकाल तख्त साहिब में पेश हो जाऊंगा और माफी मांगूंगा.'