गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में गुरुवार को भारी गिरावट देखी गई, जिसने निवेशकों को चौंका दिया. बुधवार को जहां सोने ने ₹1,01,020 प्रति 10 ग्राम का स्तर छुआ था, वहीं अगले ही दिन यह ₹99,620 तक लुढ़क गया. चांदी भी ₹1,18,000 की रिकॉर्ड ऊंचाई से सीधे ₹3,000 टूटकर ₹1,15,000 पर पहुंच गई. जानकारों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापारिक समझौतों और डॉलर में मजबूती के कारण यह गिरावट आई है.
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका द्वारा जापान और फिलीपींस के साथ किए गए नए व्यापारिक समझौतों ने निवेशकों की धारणा को बदला है. अब निवेशक सेफ-हैवन एसेट्स यानी सोने से हटकर जोखिम भरे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं. इससे सोने की मांग और कीमत में कमी आई है. विश्लेषकों ने यह भी बताया कि अमेरिका और चीन या यूरोप के बीच भी अगर ऐसे ही व्यापारिक समझौते होते हैं, तो सोने पर दबाव और बढ़ सकता है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतों में गिरावट देखी गई. स्पॉट गोल्ड $24.35 या 0.72% की गिरावट के साथ $3,362.88 प्रति औंस पर आ गया. वहीं, स्पॉट सिल्वर भी 0.53% टूटकर $39.05 प्रति औंस पर कारोबार करता देखा गया. विश्लेषकों का कहना है कि पांच हफ्तों की ऊंचाई से सोना नीचे आया है, क्योंकि निवेशक अब व्यापारिक स्थिरता की ओर आशान्वित हो गए हैं.
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अनुसार, घरेलू बाजार में स्टॉकिस्ट्स की मुनाफावसूली ने भी सोने की कीमत को प्रभावित किया है. 99.9% शुद्धता वाला सोना ₹1,01,020 से घटकर ₹99,620 पर आ गया, जबकि 99.5% शुद्धता वाला सोना ₹1,00,450 से घटकर ₹99,250 पर पहुंच गया. चांदी की बात करें तो बुधवार को ₹4,000 की तेजी के बाद गुरुवार को इसमें ₹3,000 की गिरावट आई है.
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक अब अमेरिका के बेरोजगारी आंकड़े और S&P ग्लोबल का फ्लैश PMI डेटा पर नजर बनाए हुए हैं, जो अर्थव्यवस्था की स्थिति को दर्शाएंगे. साथ ही, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की ब्याज दर पर होने वाला फैसला भी बाजार को प्रभावित कर सकता है. इन सभी घटनाओं के चलते आने वाले दिनों में सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है.