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India Daily

विदेश जाने से पहले ‘डिजिटल क्लींजिंग’ में जुटे भारतीय छात्र, सोशल मीडिया से क्यों मिटा रहे अपना अतीत?

डिजिटल दुनिया में हर गतिविधि रिकॉर्ड होती है, और जब आप विदेश में भविष्य बनाने जा रहे हों, तो यह जरूरी है कि आपकी ऑनलाइन छवि एक जिम्मेदार, विचारशील और संवेदनशील नागरिक की हो. अमेरिका जाने से पहले की गई यह ‘डिजिटल क्लींजिंग’ छात्रों के लिए एक समझदारी भरा कदम बनती जा रही है.

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Edited By: Reepu Kumari
US student visa rules
Courtesy: Pinterest

हर साल हजारों भारतीय छात्र अमेरिका जैसे विकसित देशों में उच्च शिक्षा के लिए रुख करते हैं. वीजा प्रक्रिया से लेकर कॉलेज ऐडमिशन तक का सफर जितना रोमांचक होता है, उतना ही संवेदनशील भी. हाल के वर्षों में एक नई प्रवृत्ति देखने को मिल रही है डिजिटल क्लींजिंग’. अमेरिका जाने वाले कई भारतीय छात्र अब अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल, पुराने पोस्ट, ग्रुप्स और डिजिटल फुटप्रिंट्स को जानबूझकर हटा रहे हैं. यह प्रक्रिया केवल गोपनीयता की चिंता तक सीमित नहीं, बल्कि इसका सीधा संबंध वीजा अप्रूवल और इमिग्रेशन प्रक्रिया से है.

जैसे-जैसे अमेरिका की इमिग्रेशन और काउंसलर सेवाएं सोशल मीडिया गतिविधियों को जांचने लगी हैं, छात्रों को अपने ऑनलाइन इतिहास को लेकर अधिक सतर्क रहना पड़ रहा है. एक अनजाने पोस्ट, किसी राजनीतिक विचारधारा से जुड़ा कंटेंट या संदिग्ध ग्रुप सदस्यता वीज़ा प्रक्रियाओं में बाधा बन सकती है.

‘डिजिटल क्लींजिंग’क्या है?

‘डिजिटल क्लींजिंग’ का मतलब है - अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स और ऑनलाइन इतिहास से उन जानकारियों को हटाना जो वीज़ा अधिकारियों को नकारात्मक संकेत दे सकती हैं. इसमें फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, रेडिट और लिंक्डइन जैसे प्लेटफॉर्म शामिल हैं. छात्र अपने पुराने पोस्ट डिलीट कर रहे हैं, कुछ अकाउंट्स डीएक्टिवेट कर रहे हैं और निजी सेटिंग्स को मजबूत बना रहे हैं.

अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट अब वीज़ा आवेदकों के सोशल मीडिया हैंडल्स की जांच कर सकती है. किसी भी तरह का कट्टर विचार, अनुशासनहीनता, नशे का प्रचार या किसी आपत्तिजनक समूह से संबंध ये सभी छात्र की पात्रता पर सवाल खड़ा कर सकते हैं.

डिजिटल क्लीनअप की सलाह

इसके चलते, कई एजुकेशन कंसल्टेंसी अब छात्रों को डिजिटल क्लीनअप की सलाह देने लगी हैं. छात्रों को सिखाया जा रहा है कि डिजिटल छवि भी उतनी ही जरूरी है जितनी कि शैक्षणिक उपलब्धियां.

डिजिटल दुनिया में हर गतिविधि रिकॉर्ड होती है, और जब आप विदेश में भविष्य बनाने जा रहे हों, तो यह जरूरी है कि आपकी ऑनलाइन छवि एक जिम्मेदार, विचारशील और संवेदनशील नागरिक की हो. अमेरिका जाने से पहले की गई यह ‘डिजिटल क्लींजिंग’ छात्रों के लिए एक समझदारी भरा कदम बनती जा रही है.