भारत पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल हमेशा रहता है. पहलगाम अटैक के बाद हालात और खराब हो गए. आतंकी हमले में 26 लोगों गोली मार कर हत्या की गई थी. इसका जवाब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से दिया. इस बीच कई देश आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान के साथ खड़ा नजर आया. उन देशों में तुर्की भी थी. तुर्की के यहां खुद खाने के लाले पड़े हुए है राष्ट्रीय खजाना खाली होने को है लेकिन वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. पाकिस्तान के लिए तुर्की का पक्ष देखकर भारत में उसे बायकॉट करने करने की मांग उठने लगी. उसके बाद से ही वो और बौखलाया है. अपनी बौखलाहट में अब वो उलजुलूल हरकत कर रहा है.
भारत के विमानन नियामक ने तुर्की एयरलाइंस को चेतावनी जारी की है. कई औचक निरीक्षणों में गंभीर सुरक्षा और विनियामक खामियां सामने आई हैं. इसमें आवश्यक मंजूरी के बिना विस्फोटक ले जाना भी शामिल है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 29 मई से 2 जून के बीच दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु हवाई अड्डों पर तुर्की एयरलाइंस की उड़ानों - यात्री और कार्गो दोनों - का'रैंप और सुरक्षा निरीक्षण' किया.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि निरीक्षणों से पता चला कि बिना पूर्व अनुमति या सही दस्तावेज़ों के एक कार्गो उड़ान में खतरनाक सामान पाया गया था.
मंत्रालय ने कहा,'कार्गो में खतरनाक सामान था, जिसके लिए विस्फोटकों को भारत से या भारत के ऊपर ले जाने के लिए डीजीसीए से अनुमति की आवश्यकता होती है. यह न तो संलग्न पाया गया और न ही खतरनाक सामान घोषणा में इसका उल्लेख किया गया था.' बेंगलुरु में और भी चूक की सूचना मिली, जहां ग्राउंड ऑपरेशन में काम करने वाले एक मार्शलर के पास उचित प्राधिकरण और वैध योग्यता कार्ड नहीं था. इसके अतिरिक्त, एक विमान के आगमन के दौरान, एक तकनीशियन - प्रमाणित रखरखाव इंजीनियर नहीं - ने आगमन प्रक्रियाओं को अंजाम दिया.
अधिकारियों ने तुर्की एयरलाइंस और भारत में इसकी ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी के बीच औपचारिक सेवा-स्तर समझौते की अनुपस्थिति के साथ-साथ महत्वपूर्ण उपकरणों की खराब निगरानी का भी उल्लेख किया. डीजीसीए ने कहा है कि वह तुर्की एयरलाइंस के भारत परिचालन पर कड़ी निगरानी रखेगा और'निरंतर सुरक्षा निगरानी सुनिश्चित करने के लिए आवश्यकतानुसार आगे भी निरीक्षण करेगा'. एयरलाइन ने अभी तक कोई सार्वजनिक बयान जारी नहीं किया है.न