menu-icon
India Daily

वाईफाई, फर्श, घर की दीवारें, छत कैसी है...,जनगणना में पूछे जाते हैं इस तरह के सवाल

जनगणना सिर्फ लोगों की संख्या गिनने का काम नहीं करती, बल्कि यह सरकार को यह समझने में मदद करती है कि जनता किस तरह की परिस्थितियों में जी रही है, उन्हें किस चीज की आवश्यकता है और समाज में कहां सुधार की जरूरत है.

auth-image
Edited By: Princy Sharma
Census In India
Courtesy: Pinterest

Census: जनगणना सिर्फ लोगों की संख्या गिनने का काम नहीं करती, बल्कि यह सरकार को यह समझने में मदद करती है कि जनता किस तरह की परिस्थितियों में जी रही है, उन्हें किस चीज की आवश्यकता है और समाज में कहां सुधार की जरूरत है. भारत में पिछली बार जनगणना 2011 में हुई थी और 2021 में कोविड महामारी के कारण यह स्थगित हो गई थी. अब केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि जल्द ही देश में अगली जनगणना की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

जनगणना दो चरणों में होती है: हाउसिंग सेंसस और पॉपुलेशन सेंसस. पहले चरण में, घर से जुड़े सभी पहलुओं की जानकारी ली जाती है, जैसे घर की दीवारें क्या हैं, फर्श किस सामग्री से बना है और शौचालय की व्यवस्था कैसी है. इसके साथ ही यह भी जांचा जाता है कि घर में किस प्रकार की सुविधाएं हैं, जैसे किचन में गैस कनेक्शन है या चूल्हे का इस्तेमाल होता है.

खानपान से लेकर वाईफाई तक के सवाल

जनगणना में यह भी पूछा जाता है कि आप कौन सा आटा खाते हैं, घर में गैस कनेक्शन है या फिर किचन में लकड़ी और गोबर से बनी चूल्हे का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा, यह भी दर्ज किया जाता है कि क्या आपके घर में वाईफाई कनेक्शन है और कितने डिवाइस इस वाईफाई से जुड़े हुए हैं.

फर्श और छत पर भी रखी जाती है नजर

जनगणना में यह भी जांचा जाता है कि घर की दीवारें किस सामग्री से बनी हैं, जैसे मिट्टी, ईंट, लकड़ी या पत्थर. इसके अलावा, घर की छत कैसी है और शौचालय की व्यवस्था किस प्रकार की है. क्या वहां सैप्टिक टैंक है या सीवर सिस्टम जुड़ा है, यह भी दर्ज किया जाता है.

जनगणना में केवल नाम और उम्र तक सीमित नहीं रहते, बल्कि व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति की भी जानकारी ली जाती है. इसमें जन्म तिथि, लिंग, वैवाहिक स्थिति, माता-पिता का नाम, धर्म, जाति और अगर कोई दिव्यांगता है तो उसका भी उल्लेख किया जाता है. इसके अलावा, व्यक्ति की शिक्षा और नौकरी के बारे में भी जानकारी ली जाती है.

क्या होगा फायदा?

जनगणना से सरकार को यह समझने में मदद मिलेगी कि लोगों की असल जिदगी की जरूरतें क्या हैं, उनके घरों में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी सेवाओं में कहां सुधार की आवश्यकता है. इस बार की जनगणना से न सिर्फ प्रशासन को आंकड़े मिलेंगे, बल्कि यह पूरे देश की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझने में भी मददगार साबित होगी.