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India Daily
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'चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं....', आर्टिकल 370 के फैसले पर ओवैसी ने बोला हमला

सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है.

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Avinash Kumar Singh
असदुद्दीन औवेसी

हाइलाइट्स

  • आर्टिकल 370 के फैसले पर ओवैसी ने बोला हमला
  • 'चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश....'

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा बयान दिया है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और आने वाले दिनों में बीजेपी कोलकाता, चेन्नई जैसे तमाम शहरों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश करेगी.

'अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन'

असदुद्दीन औवेसी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा "हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है. आज आपने एक राज्य को 3 केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. उनकी विधानसभा नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा है. तो ऐसा किसी के साथ भी किया जा सकता है. अब आने वाले दिनों में बीजेपी कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश करेगी और कोई भी इसे रोक नहीं पाएगा. अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है और राज्य को 3 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करना कश्मीर के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात है"

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने पर लगी सुप्रीम मोहर

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा और भारत के चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत गठित जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा कदम उठाए जाएंगे. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संवैधानिक पीठ में साफ कर दिया कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने में किसी संवैधानिक दायरे का उल्लंघन नहीं हुआ है.