Telecom bill 2023 : बुधवार को लोकसभा से दूरसंचार विधेयक, 2023 पारित हो गया. यह विधेयक अंग्रेजों द्वारा बनाए गए 138 साल पुराने भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम की जगह लेगा. इस विधेयक को राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टिकोण से लाया गया है. इसके जरिए किसी भी देश या व्यक्ति के टेलीकॉम सेवा से जुड़े उपकरणों को निलंबित या प्रतिबंधित किया जा सकता है. आपात स्थित में इस विधेयक के जरिए मोबाइल सेवाओं और नेटवर्क पर प्रतिबंध लगाने का भी प्रावधान दिया गया है. इसके अलावा इस विधेयक के जरिए सेटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन की नीलामी को लेकर भी कई प्रावधान किए गए हैं. फर्जी सिम लेने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी.
मंगलवार को यह बिल लोकसभा में पेश किया गया. संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विधेयक से जुड़े सवालों के जवाब दिए. व्यापक चर्चा के बाद 20 दिसंबर, बुधवार को इसे पारित किया गया. इस विधेयक को लेकर मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये विधेयक जनता के हित में, सार्वजनिक आपातकाल के मामले में संदेशों के प्रसारण को रोकने और अवरोधन करने का अधिकार देता है.
उन्होंने बताया कि दूरसंचार विधेयक 2023, भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम 1933 और टेलीग्राफ तार (गैरकानूनी कब्जा) अधिनियम 1950 की जगह लेगा. अगर कोई भी व्यक्ति फर्जी आईडी पर सिम लेता है तो इस विधेयक के तहत उसे 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना चुकाना पड़ सकता है. इस विधेयक में ये भी प्रावधान है कि उपभोक्ताओं को सिम कार्ड जारी करने से पहले अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक पहचान करना आवश्यक है.
इस विधेयक के जरिए अगर कोई भी कंपनी विज्ञापन प्रचारित करना चाह रही है तो उसे उपभोक्ताओं की पूर्व अनुमति लेनी होगी.इस विधेयक में ओवर द टॉप (OTT) या इंटरनेट आधारित कॉलिंग और मैसेजिंग को दूरसंचार की परिभाषा में नहीं रखा गया है.