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अमानतउल्लाह खान गिरफ्तार हो गए या नहीं? समझिए क्या है वक्फ बोर्ड केस जिसमें फंसे AAP विधायक

Amanatullah Khan Case: दिल्ली में AAP के एक और नेता को गिरफ्तार किए जाने की खबरें आने लगीं और पार्टी के सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाए कि फर्जी केस लगाकर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.

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India Daily Live
Courtesy: Social Media

'अमानतउल्लाह खान के खिलाफ बेबुनियाद मामला बनाकर ईडी द्वारा उनको गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है...' AAP सांसद संजय सिंह के इस ट्वीट ने गुरुवार रात को हंगामा मचा दिया. सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया कि दिल्ली की ओखला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतउल्लाह खान को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. संजय सिंह ने बताया कि वह अमानतउल्ला के परिवार से मिलने भी जा रहे हैं. हर तरफ गहमागहमी के कुछ घंटे बाद अमानतउल्लाह खान अपने घर चले गए. उन्होंने बताया कि लगभग 13 घंटे तक हुई पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें घर जाने दिया.

हाल ही में अमानतउल्लाह खान अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगवाने के लिए कोर्ट भी गए थे लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली थी. अब आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का 'ऑपरेशन लोटस' शुरू हो गया है. AAP सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाए कि दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ फर्जी केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है.

गिरफ्तारी का सच क्या है?

दरअसल, अमानतउल्लाह खान से ईडी की पूछताछ इतनी लंबी चली की AAP के नेताओं ने उनके गिरफ्तार कर लिए जाने की बात कहनी शुरू कर दी. हालांकि, बाद में अमानतउल्लाह खान ईडी के दफ्तर से बाहर निकले और अपने घर चले गए. अमानत ने खुद बताया कि ईडी के अधिकारियों ने उनसे कहा है कि कुछ दस्तावेजों के साथ वह कुछ दिन बाद एक बार फिर ईडी के सामने पेश हों. अमानत ने बताया कि यह कोई नया केस नहीं है और साल 2016 में सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर की थी और इस केस में चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है.

क्या है दिल्ली वक्फ बोर्ड केस?  

दरअसल, AAP विधायक अमानतउल्लाह खान पर आरोप है कि वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहने के दौरान उन्होंने अवैध और मनमाने तरीके से कर्मचारियों की भर्ती की. उन पर यह भी आरोप है कि इन भर्तियों के बदले उन्होंने खूब पैसे कमाए और इन्हीं पैसों से अपने सहयोगियों के नाम पर कई प्रॉपर्टी खरीद ली. 6 बार समन भेजे जाने के बावजूद अमानतउल्लाह खान जांच में शामिल नहीं हुए थे. यही वजह थी कि दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.
 

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