नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर अलग-अलग जगहों पर हुई हिंसा और बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से मना करते हुए अर्जी खारिज कर दी.
जिससे यह साफ हो गया कि बंगाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा की जांच NIA ही करेगी. सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि "यह अदालत आरोपों की वैधता और सत्यता तय करने के लिए नहीं है. हम इस मामले में दखल देने के इच्छुक नहीं हैं"
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बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को दी थी चुनौती
बंगाल में 30 मार्च से 3 अप्रैल तक रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान कई जगहों पर हिंसा और धमाके की घटना सामने आयी थी. जिसके बाद 27 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट ने रामनवमी समारोह के दौरान और उसके बाद हावड़ा के शिबपुर और हुगली जिलों के रिशरा में हिंसा की घटनाओं की NIA से जांच कराने का आदेश दिया था. कलकत्ता हाई कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की इस याचिका पर विचार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया.
"NIA जांच की जरूरत से नहीं किया जा सकता इनकार"
रामनवमी हिंसा से की जांच NIAको दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य की ममता सरकार को करारा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में NIA के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के बाद अब साफ हो गया है कि मामले की जांच अब NIA ही करेगी. कोर्ट का साफ तौर पर कहना है कि इस मामले की गंभीरता को देखकर एनआईए जांच की जरूरत से इनकार नहीं किया जा सकता.
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