कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू नए मुसिबत में फंसते नजर आ रहे हैं. हाल में ही सिद्धू ने अपनी पत्नी को लेकर ये दावा किया था कि कैंसर के घरेलू उपचार से ठीक कर दिया. अब उनकी पत्नी को इसके लिए 850 करोड़ की लीगल नोटिस दी गई है. छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी की तरफ से ये नोटिस भेजी गई है. छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी (CCS) द्वारा जारी किए गए इस नोटिस में सिद्धू द्वारा कैंसर रिकवरी डाइट के बारे में किए गए बड़े-बड़े दावों पर स्पष्टीकरण मांगा गया है.
कौर को सात दिनों के भीतर सिद्धू के तर्कों के समर्थन में सबूत पेश करने या फिर भ्रामक दावों के लिए 850 करोड़ रुपये का मुआवजा देने को कहा गया है. 21 नवंबर को पत्रकारों से बात करते हुए सिद्धू ने दावा किया कि कुछ उपायों की वजह से उनकी पत्नी को स्टेज 4 के कैंसर से लड़ने में मदद मिली, क्योंकि डॉक्टरों ने कहा था कि उनकी पत्नी के पास जीने के लिए केवल 40 दिन ही बचे हैं. सिद्धू ने कैंसर की तुलना "सूजन" से करते हुए कहा कि ऐसी सूजन दूध, गेहूं (कार्बोहाइड्रेट), मैदा (परिष्कृत गेहूं का आटा) और चीनी से उत्पन्न होती है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने अपनी रिपोर्ट में सिद्धू के हवाले से कहा कि कैंसर चीनी पर पनपता है, इसलिए कैंसर की जीवन रेखा, आयुर्वेद , अमेरिकी डॉक्टर, भारत में शोध, मैंने 10 घंटे तक सब कुछ पढ़ा, और सामान्य विभाजक, और फिर चीनी, आटा , मैदा , वातित पेय, ये सब खत्म हो गए. समोसा , जलेबी खत्म हो गए.
अपने नोटिस में सीसीएस ने नवजोत कौर से निम्नलिखित ये प्रश्न पूछे?
नोटिस में लिखा है कि सिद्धू के दावों में एलोपैथिक दवा और उपचार के प्रति लोगों के मन में नकारात्मकता पैदा करने की क्षमता है. यह कैंसर रोगियों को भी बीच में ही दवा छोड़ने के लिए मजबूर कर रहा है, जिससे उनकी जान को खतरा बढ़ गया है. सीसीएस ने कहा कि वे नवजोत कौर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे, जब तक कि वह एक सप्ताह के भीतर अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश नहीं करतीं. नोटिस में यह भी कहा गया कि "गलत सूचना" से मरीजों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है और उनसे अपने पति के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा गया.