MP News: मध्य प्रदेश के मजदूरों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. राज्य के मंत्री प्रहलाद ने ऐलान किया है कि मध्य प्रदेश के मजदूरों को एक अप्रैल से बढ़ा हुआ मानदेय (मेहनताना) दिया जाएगा. इससे लाखों मजदूरों को फायदा होगा. राज्य सरकार की ओर से इस बारे में प्रेस नोट जारी किया गया है.
जारी प्रेस नोट के अनुसार, पीएम मोदी के विजन 'सबका साथ सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रवास' की दिशा में पहल करते हुए मध्य प्रदेश के श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने औधौगिक और असंगठित क्षेत्र में जुड़े ट्रेंड-अनट्रेंड यानी सभी प्रकार के श्रमिकों के मेहनताने में 1 अप्रैल 2024 से बढ़ोत्तरी का फैसला किया है.
कैबिनेट बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई है. साल 2014 के बाद मध्य प्रदेश के किसी मंत्री ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन दरों में वृद्धि श्रम मंत्री के प्रयासों का परिणाम है, जिसके जरिए श्रमिकों के भविष्य को और बेहतर बनाया जाएगा.
कहा गया है कि खासकर महिला श्रमिकों के लिए यह फैसला गेम चेंजर साबित होगा. श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने एक बयान में कहा कि यह फैसला श्रमिकों की जिंदगी में व्यापक बदलाव लाएगा. यह पीएम मोदी के विजन और सीएम डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में किए जा रहे सबके विकास की एक व्यापक पहल है.
श्रम मंत्री की पहल पर मध्य प्रदेश सरकार के श्रम विभाग ने क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए सभी औद्योगिक और असंगठित कार्यों से जुड़े अकुशल, कुशल, अर्द्धकुशल और उच्च कुशल श्रमिकों की न्यूनतम वेतन दरों में 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है. श्रम विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार राज्य सरकार ने अनूसूचित नियोजनों (Scheduled Employments) में काम करने वाले श्रमिकों की मासिक और दैनिक वेतन की न्यूनतम वेतन दरों (Minimum Wage Rates) को 1 अप्रैल 2024 से संशोधित किया गया है.
श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल अनूसूचित रोजगार के श्रमिकों के जीवन में खुशहाली का प्रतीक बनेगी. श्रम विभाग के अनुसार, न्यूनतम वेतन की दरों में 25 प्रतिशत की वृद्धि और जनवरी से जून 2019 के औसत अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर 1 अक्टूबर 2019 से देय महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई दरें तैयार की गई है.
नई न्यूनतम वेतन दरों के प्रभावशील होने पर अकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 9,575 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा. इसी तरह अर्द्धकुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 10,571 रुपए प्रतिमाह होगा. कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 12,294 रुपए और उच्च कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 13,919 रुपए प्रतिमाह होगा.
न्यूनतम वेतन में वृद्धि के बाद 1 अप्रैल 2024 से अकुशल श्रमिकों के वेतन में 1975 प्रतिमाह की वृद्धि होगी. अर्द्धकुशल श्रमिकों के वेतन में 2114 रुपए प्रतिमाह और कुशल श्रमिकों के वेतन में 2459 रुपए प्रतिमाह की वृद्धि हो जाएगी. इसी तरह उच्च कुशल श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 2784 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा.
कृषि श्रमिकों को देय न्यूनतम वेतन की दरों में भी 25 प्रतिशत की वृद्धि और लेबर ब्यूरो शिमला की ओर से बनाए गए अखिल भारतीय कृषि श्रमिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 930 (1986- 87=100) औसत के आधार पर 1 अक्टूबर 2019 से देय महंगाई भत्ते को न्यूनतम वेतन में जोड़कर नई न्यूनतम वेतन दरें निर्धारित की गई हैं. नई दरों के प्रभावशील होने पर कृषि श्रमिकों का न्यूनतम वेतन 7660 रुपए प्रतिमाह हो जाएगा.