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'बंगाल में मेरी वजह से हारी थी बीजेपी', CAA को लेकर प्रशांत किशोर ने किया चौंकाने वाला दावा

Prashant Kishor On CAA: नागरिकता संशोधन कानून पर जारी सियासी बवाल के बीच जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का बयान सामने आया है. इस दौरान उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है.

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Prashant Kishor On CAA

Prashant Kishor On CAA: देश भर में इन दिनों नागरिकता संशोधन कानून को लेकर सियासी बवाल और प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है. इसी कड़ी में जन सुराज के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि जब सीएए और एनआरसी आया था तो हमने बंगाल में जाकर अपना गर्दन फंसाया था. किशोर ने सवालिए लहजे में आगे कहा कि लालू-नीतीश तेजस्वी कोई नहीं गया था कंधा लगाने, आज भाजपा बंगाल में जीत गई होती तो आप लोग अभी लाइन में खड़े होकर फॉर्म भर रहे होते.

प्रशांत किशोर ने कहा कि कोई नहीं गया था. वहां हमने जाकर अपना गर्दन फंसाया. आज बीजेपी बंगाल में जीत गई होती तो आप लोग अभी लाइन में खड़े होकर फॉर्म भर रहे होते.  हमने बीजेपी को हराया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने बंगाल में अपनी पूरी ताकत लगा दी थी लेकिन हमने उन्हें जीतने नहीं दिया. अगर बैलून में हवा हमने भरी है तो निकालेंगे भी हम ही, आप लिखकर रख लीजिए. उन्होंने आगे कहा कि आप मुझ पर 3 साल भरोसा कीजिए, मैं स्थिति बदल दूंगा.

'गठबंधन के जरिए जनता को ठगने की कोशिश'

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आड़े हाथ लेते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर लोगों को राजनीति की थोड़ी-बहुत समझ है, तो मैं आपको एक बात साफ कर देना चाहता हूं कि गठबंधन बनाकर जनता को फिर से ठगने के उपाय किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2015 में बिहार के लोगों ने नीतीश कुमार को वोट किया था और 2017 में ये आदमी लोगों को ठग कर भाग गया. उन्होंने आगे कहा कि आप लोग फिर वोट करिएगा और यह आदमी आपको फिर ठग कर भागेगा. मैं उनके साथ रहा हूं मुझे उनसे ज्यादा कोई नहीं जानता.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सोमवार को देर शाम एक अधिसूचना जारी कर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागब करने का ऐलान किया था. लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान बीजेपी ने अपने मेनिफेस्टो में भी सीएए को शामिल किया था. CAA के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है.

इन देशों के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों के व्यक्ति, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे, CAA के तहत नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. सरकार की ओर से सीएए को लागू करने के लिए जारी नोटिफिकेशन के बाद देशभर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है. पश्चिम बंगाल की अगर हम बात करें तो यहां सीआरपीएफ और पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती भी कर दी गई  हैं.