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Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को हार का डर या परिवार की चिंता? खुद चुनाव न लड़ बेटों का बढ़ा रहे नाम

Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस के कई दिग्गज नेता चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. बल्कि ये नेता अपने बेटे और परिवार के लोगों को चुनाव लड़वाना चाहते हैं.

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Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस की दूसरी लिस्ट का इंताजार है. पहली लिस्ट में राहुल गांधी के वायनाड और शशि थरूर के तिरुअनंतपुरम सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान हुआ है. गांधी परिवार की परंपरागत सीट अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं अबी इस पर स्थिति साफ नहीं हो पाई है. राहुल गांधी के अलावा कई बड़े दिग्गज नेताओं के नाम का ऐलान नहीं हो पाया है कि वो कहां से चुनाव लड़ेंगे. 

आज यानी 12 मार्च को कांग्रेस की दूसरी लिस्च आने वाली  है, जिसके पहले चर्चा है कि कमलनाथ, अशोक गहलोत, हरीश रावत जैसे कई दिग्गज नेता लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत में से कोई भी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा. वहीं अशोक गहलोत के बेटे वैभव जालोर सीट से मैदान में उतर सकते हैं. हालांकि गहलोत परिवार की सीट जोधपुर रही है. 

कमलनाथ नहीं लड़ना चाहते चुनाव!

वहीं मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते. उनकी जगह पर बेटे नकुल नाथ छिंदवाड़ा से लड़ेंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की चुनाव से बेरुखी का नतीजों पर भी असर दिखेगा. असल में यदि ये नेता चुनाव में उतरते तो एक माहौल बनता. खासतौर पर कठिन सीटों पर बड़े नेताओं के चुनाव लड़ने से पार्टी को माहौल बनाने में मदद मिलती, लेकिन नेताओं के डिफेंसिव रुख अपनाने से पार्टी की चिंता बढ़ गई है. 

खरगे दामाद को भेजना चाहते हैं राज्यसभा

कांग्रेस की चुनाव समिति की मीटिंग में असम, गुजरात, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्यप्रदेश की सीटों पर बात हुई है. राजस्थान, एमपी, गुजरात के अलावा उत्तराखंड में भी सीनियर नेता चुनाव में उतरने के इच्छुक नहीं हैं. हरीश रावत को पार्टी ने हरिद्वार से ऑफर दिया, जबकि नेता विपक्ष यशपाल आर्य को कुमाऊं की दो सीटें देने का ऑफर दिया गया है. लेकिन दोनों ही नेता चुनाव लड़ने का इरादा नहीं रखते. वहीं हरीश रावत तो चाहते हैं कि उनकी जगह पर कांग्रेस उनके बेटे को टिकट दे. इसकी वजह यह है कि वह अब राजनीति से संन्यास के मूड में हैं और अपने बदले में बेटे को सेट कराना चाहते हैं. टिहरी सीट से सीनियर नेता और विधायक प्रीतम सिंह को ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया है. 

वरिष्ठ नेताओं के इस रुख से कांग्रेस में अंदरुनी कलह की भी स्थिति देखने के लिए मिल रही है. उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करण माहरा ने पार्टी हाईकमान से कहा है कि सीनियर नेताओं को जिम्मेदारी लेते हुए लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए. इससे दूसरे नेताओं को बल मिलेगा. कांग्रेस में सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी लोकसभा सीट नहीं लड़ना चाहते. वह वर्तमान में राज्यसभा सदस्य हैं.  

क्या खरगे ही तोड़ेंगे कांग्रेस का नियम! 

कर्नाटक की गुलबर्गा सीट से मल्लिकार्जुन खगरे चुनाव लड़ने रहे हैं. वर्तमान में खरगे राज्यसभा सांसद हैं इसलिए वो खिद चुनाव नहीं लड़ेंगे. इस सीट पर खरगे अपने दामाद को देना चाहते हैं. उनकी इच्छा है कि दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को इस सीट से चुनाव लड़ाया जाए. अगर ऐसा होता है तो खरगे कांग्रेस अधिवेशन में पारित प्रस्ताव का ही उल्लंघन करेंगे, जिसमें संकल्प लिया गया था कि किसी परिवार के एक ही मेंबर को लोकसभा या विधानसभा का टिकट मिलेगा.