नई दिल्ली: मणिपुर सरकार ने राज्य में मोबाइल इंटरनेट प्रतिबंध को तीन दिनों के लिए यानी 8 नवंबर 2023 तक बढ़ाने का ऐलान किया है. राज्य सरकार का यह फैसला कानून व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर उठाया गया कदम है. इंटरनेट सेवाओं पर बैन बीते 26 सितंबर 2023 को लागू किया गया था. उसके बाद से समय-समय पर मौजूदा हालात मद्देनजर समय-समय पर बढाया जाता रहा है.
मणिपुर गृह विभाग की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में सोशल मीडिया के संभावित दुरुपयोग और असामाजिक तत्वों की ओर से नफरती भाषण और वीडियो संदेश फैलाने के बारे में चिंताओं का हवाला देते हुए बैन लगाया गया है. सरकार ने इन तत्वों के बारे में आशंका व्यक्त की है कि ये तत्व जन भावनाओं को भड़का रहे हैं और मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहे हैं. इसी लिए इसे रोकने के लिए ही इंटरनेट प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है.
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के मुताबिक "राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा की हालिया घटनाओं के संदर्भ में भड़काऊ सामग्री, वीडियो और झूठी अफवाहों के परिणामस्वरूप जान-माल और सार्वजनिक-निजी संपत्ति को नुकसान के खतरे की आशंका को स्वीकार किया, जिन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से जनता में प्रसारित किया जा सकता है."
मणिपुर में गृह मामलों के आयुक्त (गृह) टी रणजीत सिंह की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया "राज्य सरकार उन जिला मुख्यालयों में परीक्षण के आधार पर मोबाइल टावर खोलने की संभावना तलाशेगी जो मौजूदा कानून-व्यवस्था संकट से प्रभावित नहीं हुए हैं. अगर आगे इस तरह का प्रयोग अगर सफल होता है तो दूसरे क्षेत्रों में भी स्थिति सुधारने पर इसको लागू किया जाएगा"
बीते 3 मई को गैर-आदिवासी मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़कने के बाद पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. स्थिति सामान्य होने के बाद, 23 सितंबर को बैन हटा लिया गया था, लेकिन एक लड़की सहित दो युवा लापता छात्रों के शवों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सैकड़ों छात्रों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प हो गई थी. उसके बाद राज्य सरकार को राज्य में 26 सितंबर को प्रतिबंध फिर से लागू करना पड़ा. मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक 180 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोग घायल भी हुए हैं.
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