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सुरक्षा या फिर कुछ और... आखिर क्यों CRPF की जगह CISF को सौंपी गई संसद की सिक्योरिटी?

CISF Replace CRPF Parliament Security: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी CISF ने आज से संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी अपने हाथों में ले ली है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुल 3317 CISF कर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था में लगाया गया है. सीआईएसएफ से पहले सीआरपीएफ संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रही थी. आइए, समझते हैं कि आखिर सीआरपीएफ को सीआईएसएफ ने क्यों रिप्लेस किया है.

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Edited By: India Daily Live
CISF Replace CRPF Parliament Security

CISF Replace CRPF Parliament Security:  सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी CISF ने आज यानी सोमवार से देश के लोकतंत्र के सबसे प्रतीक 'संसद' भवन की सुरक्षा व्यवस्था को संभाल लिया है. CISF की पूरी टीम संसद भवन से जुड़ी हर सुरक्षा व्यवस्था को संभालेगी. इससे पहले, संसद भवन की सुरक्षा संभाल रही सीआरपीएफ ने सिक्योरिटी से संबंधित सभी चीजों को हटा लिया और चार्ज सीआईएसएफ को सौंप दिया. सवाल उठता है कि आखिर सीआरपीएफ से लेकर संसद की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ को क्यों सौंपी गई है?

कहा जा रहा है कि ऐसा केंद्र सरकार के निर्देश के बाद हुआ है. एक सीनियर अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि इस महत्वपूर्ण कदम के पीछे का सबसे बड़ा कारण 13 दिसंबर 2023 को संसद की सुरक्षा में हुई चूक है. 13 दिसंबर, 2001 को भी संसद पर आतंकियों ने हमला किया था. उसकी बरसी पर 13 दिसंबर 2023 को संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान फिर से सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया था. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, घटना के बाद संसद भवन के सभी सुरक्षा मुद्दों को देखने और उचित सिफारिशें करने के लिए सीआरपीएफ डीजी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी. कहा जा रहा है कि इसी बाद ये फैसला लिया गया और आज से सीआरपीएफ की जगह सीआईएसएफ ने सुरक्षा व्यवस्था को संभाल लिया.

कैसी है सीआईएसएफ की सुरक्षा व्यवस्था?

सीआईएसएफ ने संसद के सभी एंट्री गेट पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा, डॉग स्क्वॉड, फायर टेंडर की गाड़ियां, सीसीटीवी कंट्रोल रूम, कम्यूनिकेशन कंट्रोल रूम, निगरानी टावर पर स्पेशलिस्ट्स को तैनात किया गया है. CISF के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ कर्मी पिछले 10 दिनों से परिसर को देख और समझ रहे हैं. सीआईएसएफ के पुरुष और महिला कर्मी जो रिसेप्शन पर मौजूद रहेंगे, उन्हें नए सफारी सूट के अलावा हल्के नीले रंग की पूरी आस्तीन वाली शर्ट और भूरे रंग की पैंट दी गई है.

सूत्रों के मुताबिक, सीआईएसएफ की टुकड़ी को अस्थायी तरीके से तैनात किया गया है, जिसे 'आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी पैटर्न' कहा जाता है और उम्मीद है कि मौजूदा आम चुनाव के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने के साथ ही इसे पूरी मंजूरी दे दी जाएगी. सीआईएसएफ कर्मियों को संसद ड्यूटी के लिए भेजे जाने से पहले सामान की जांच, व्यक्तिगत तलाशी, बम का पता लगाना और निपटान, त्वरित प्रतिक्रिया आतंकवादी काउंटर, स्नाइपर कार्य और सार्वजनिक बातचीत और शिष्टाचार की ट्रेनिंग दी गई है. 

समझ लीजिए, सीआरपीएफ और सीआईएसएफ का काम?

सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी CRPF, पूरे देश में अपने काम के लिए पहचानी जाती है. बात प्राकृतिक आपदा की हो या फिर आतंकी, उग्रवादी हमले की.. या फिर किसी ऐसे संकट की, जिससे निपटना मुश्किल होता है, तब सीआरपीएफ को बुलाया जाता है. CRPF के जवानों को हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाता है. हर तरह की संकट की घड़ी में इन्हें याद किया जाता है. 

इसके अलावा, दंगों और दंगाईयों पर नियंत्रण के लिए, आतंकी हमलों से निपटने के लिए, आतंकी या उग्रवादियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन के लिए भी सीआरपीएफ का यूज किया जाता है. इसके अलावा, लोकसभा या विधानसभा चुनाव के दौरान संवेदनशील या फिर अतिसंवेदनशील इलाकों में भी CRPF की तैनाती कर दी जाती है.

अब बात सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स यानी CISF की. इनका मुख्य काम देश की सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा करना होता है. फिलहाल, CISF देशभर की 350 से ज्यादा ऐसे सार्वजनिक संपत्तियों की रक्षा में जुटी है. इनमें एयरपोर्ट से लेकर मेट्रो स्टेशन तक शामिल हैं. इसके अलावा, ऐतिहासिक महत्व वाले इमारतों की रक्षा भी CISF करती है. अब सीआईएसएफ को संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है.