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India Daily

'टोपी और दाढ़ी वाले लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया, मैं हिंदुओं...', नितेश राणे के बयान महाराष्ट्र की राजनीति में तूफान

नितेश राणे ने यह बयान मराठी भाषा के उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर मराठी न बोलने के लिए हिंदुओं को निशाना बनाए जाने के आरोपों के जवाब में दिया.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Nitesh Rane

महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद के बीच बीजेपी नेता और राज्य मंत्री नितेश राणे ने शुक्रवार को एक विवादास्पद बयान दिया. उन्होंने कहा कि वे हिंदू मतदाताओं के समर्थन से विधायक बने हैं. एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए राणे ने कहा, “टोपी और दाढ़ी वाले लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया. मैं हिंदुओं के वोटों से विधायक बना हूं.” उन्होंने आगे कहा, “अगर मैं हिंदुओं का समर्थन नहीं करूंगा, तो क्या उर्दू बोलने वालों का समर्थन करूंगा? वे हरे सांप हैं… मुंबई का डीएनए हिंदू है.”

मराठी भाषा विवाद की पृष्ठभूमि

नितेश राणे, जो केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे हैं, ने यह बयान मराठी भाषा के उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर मराठी न बोलने के लिए हिंदुओं को निशाना बनाए जाने के आरोपों के जवाब में दिया. यह विवाद तब और गहरा गया जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने हाल ही में मुंबई में एक संयुक्त रैली आयोजित की, जिसमें राज्य में कथित हिंदी भाषा थोपने का विरोध किया गया.

उद्धव-राज ठाकरे की रैली पर हमला

नितेश राणे ने पहले भी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की संयुक्त रैली की आलोचना की थी, इसे “जिहादी और हिंदू-विरोधी सभा” करार देते हुए कहा था कि यह समाज को बांटने और राज्य को कमजोर करने की साजिश है. यह रैली 20 साल बाद दोनों भाइयों का एक मंच पर आना था, जिसने मराठी भाषा के मुद्दे को और सुर्खियों में ला दिया.

सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

राणे के इस बयान ने महाराष्ट्र की सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है. उनके बयान की तीखी आलोचना हो रही है, क्योंकि यह सामाजिक सौहार्द को प्रभावित कर सकता है. यह विवाद मराठी अस्मिता और भाषाई पहचान के सवालों को और जटिल बना रहा है.