केरल में वायनाड जिले में आई महातबाही में करीब 300 लोगों ने अपनी जानें गंवा दी हैं. 540 से ज्यादा घर जमींदोज हो गए और सैकड़ों लोग बह गए हैं. इस त्रासदी में जब हादसे वाली जगह से सिर्फ लाशें निकल रही हैं, भारतीय सेना ने 4 लोगों को बचा लिया है, जो हादसे के 48 घंटे बाद भी जिंदा थे. दो महिला और दो पुरुष को सेना ने मलबे से बाहर निकाल लिया है. ये लोग पदवेत्ती कुन्नू इलाके में फंसे हुए थे.
बेहद सावधानी से सेना ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसके चलते, सुरक्षित नागरिकों को बाहर निकाला जा सका. इस मिशन के लिए एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था. रस्सी के सहारे, जवानों ने उन चार लोगों को बाहर निकाल लिया. उन्हें पल-पल मौत का खतरा सता रहा था. सेना ने अपने बयान में कहा कि बचाई गई एक महिला के पैर में गंभीर चोटें लगी हैं, जिसका इलाज किया जा रहा है.
केरल के एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) ने कहा है कि रेवेन्यू विभाग मृतकों और लापता लोगों की लिस्ट निकाल रहा है, जिससे पता चले कि कुल कितने लोग त्रासदी का शिकार हुए हैं. कोस्ट गार्ड, नेवी और सेना के जवान इस मिशन में लगे हैं. दक्षिणी कमांड ने एक अस्थाई पुल भी बनाया है, जिससे रेस्क्यू मशीनें वहां भेजी जा सकें.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को दावा किया है कि 308 मौतें हो गई हैं. 195 लाशें, 113 बॉडी पार्ट्स मिले हैं. चोरालमाला और मुंडक्की इलाके में 30 जुलाई को भीषण भूस्खलन हुआ था, जिसमें लाशों का अंबार लग गया. लोगों के कटे हाथ, पैर और सिर भी मिले हैं. हादसे में कुछ लोग इतने नीचे धंस गए हैं, जिन्हें ढूंढ पाना भी बेहद मुश्किल है.
वायनाड में इस संकट की घड़ी में लोगों को बचाने की हर कोशिश की जा रही है. लोगों को तार के सहारे, अस्थाई ब्रिज के सहारे, सुरक्षित जगह पहुंचाया जा रहा है. जो लोग मलबे में धंस गए हैं, उन्हें बाहर निकाला जा रहा है. लोगों की लाशें बाहर निकाली जा रही हैं. वायुसेना का C-130 क्राफ्ट लोगों के लिए मंडरा रहा है. ड्रोन के जरिए लोगों पर नजर रखी जा रही है, लाशों को ढूंढा जा रहा है. जो जिंदा लोग बहकर आसपास के किसी इलाके में फंसे हैं, उन्हें भी बाहर निकालने की कोशिशें की जा रही है. इस हादसे से पर गृहमंत्रालय से लेकर राज्य सरकार तक अलर्ट मोड पर है.