IndiGo Penalised For Dirty Seats: जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने इंडिगो एयरलाइंस को उड़ान के दौरान गंदी और दागदार सीटों के लिए अच्छी सर्विस न देने का दोषी ठहराया है. आयोग ने एयरलाइन को शिकायतकर्ता को 1.75 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया. दिल्ली के चाणक्यपुरी निवासी पिंकी ने अपने पति और परिवार के दो अन्य सदस्यों के साथ 27 दिसंबर, 2024 को एक ट्रैवल एजेंसी के जरिये बाकू से दिल्ली की यात्रा के लिए 48,739 रुपये में टिकट बुक किए. 2 जनवरी, 2025 को इंडिगो की फ्लाइट में सवार होने पर उन्होंने पाया कि सीटें गंदी थीं.
इसकी शिकायत एयर होस्टेस से करने पर उन्हें दोबारा साफ सीटें नहीं दी गई. साथ ही उन्हें 14वीं पंक्ति में वैकल्पिक सीट की पेशकश की गई. एयर होस्टेस ने सच्चे मन से माफी भी मांगी, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका. 13 जनवरी को पिंकी ने इंडिगो एयरलाइंस को कानूनी नोटिस भेजा, लेकिन संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया. शिकायत में उन्होंने उड़ान के दौरान हुई मानसिक पीड़ा, शारीरिक असुविधा और उत्पीड़न का हवाला दिया.
1.5 लाख का जुर्माना और 25,000 रुपये मुकदमे के खर्च
आयोग की पीठ, जिसमें अध्यक्ष पूनम चौधरी और सदस्य बारिक अहमद तथा शेखर चंद्रा शामिल थे, ने 18 जुलाई को सुनवाई के बाद कहा, “गंदी बैठने की व्यवस्था उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं और एयरलाइन के संविदात्मक दायित्वों का सीधा उल्लंघन है.” आयोग ने शिकायतकर्ता को 1.5 लाख रुपये मानसिक और शारीरिक पीड़ा के लिए और 25,000 रुपये मुकदमे के खर्च के रूप में मुआवजा देने का आदेश दिया. हालांकि, रिफंड की मांग खारिज कर दी गई, क्योंकि शिकायतकर्ता ने यात्रा पूरी कर ली थी.
आयोग ने इंडिगो के जवाब को किया खारिज
आयोग ने यह भी बताया कि नागरिक उड्डयन आवश्यकताओं के मुताबिक, भारत में रजिस्टर सभी एयरलाइंस को एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर के साथ एक उत्तरदायी शिकायत निवारण तंत्र देना अनिवार्य है. यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अनुरूप है. आयोग ने इंडिगो की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमे कहा गया था कि केबिन क्रू ने तुरंत समस्या का समाधान कर लिया था.