menu-icon
India Daily

शौक से खाइए समोसा, जलेबी, लड्डू, स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी देने वाले लेबल लगाने की खबर को बताया फर्जी

स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया है जिनमें दावा किया गया था कि समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों पर चेतावनी लेबल लगाने के निर्देश दिए गए हैं. मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई योजना नहीं है, और इस तरह की खबरें पूरी तरह से भ्रामक, गलत और निराधार हैं.

auth-image
Edited By: Kuldeep Sharma
samosa-jalebi
Courtesy: web

हाल ही में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने समोसा, जलेबी, लड्डू और इसी तरह के पारंपरिक भारतीय खाद्य उत्पादों पर चेतावनी लेबल लगाने का निर्देश दिया है. इस खबर ने आम लोगों के बीच भ्रम पैदा कर दिया और सोशल मीडिया पर इसे लेकर चर्चाएं भी तेज हो गईं. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन दावों को पूरी तरह से खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने साफ किया कि जो आदेश जारी किया गया है, वह सिर्फ एक सलाह (advisory) है, न कि कोई कानूनी या बाध्यकारी निर्देश. यह सलाह कार्यस्थलों के लिए है, जिसमें लॉबी, कैंटीन, कैफेटेरिया और मीटिंग रूम जैसे स्थानों पर ऐसे बोर्ड लगाने की बात कही गई है जो "छिपे हुए फैट" और "अत्यधिक चीनी" से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के प्रति लोगों को जागरूक करें. इसका उद्देश्य केवल यह है कि कर्मचारी रोजाना उन चीजों के प्रति जागरूक रहें जो मोटापे और अन्य बीमारियों को बढ़ावा दे सकती हैं.

खाद्य पदार्थों पर लेबलिंग का कोई प्रस्ताव नहीं

मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई प्रस्ताव, नीति या निर्देश ऐसा नहीं है जिसके तहत पारंपरिक मिठाइयों या तली-भुनी चीजों पर किसी प्रकार की चेतावनी लेबलिंग लागू की जाए. समोसा, जलेबी और लड्डू जैसे खाद्य पदार्थ भारतीय संस्कृति और खानपान का हिस्सा हैं और उन पर चेतावनी लेबल लगाने की खबरें बेबुनियाद हैं. मंत्रालय ने मीडिया से आग्रह किया है कि इस प्रकार की रिपोर्टिंग से बचा जाए और केवल प्रामाणिक स्रोतों से प्राप्त सूचना को ही साझा किया जाए.

तेज़ी से बढ़ते मोटापे पर चिंता

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में मोटापा और जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों का भार तेजी से बढ़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह सलाह दी गई है कि कार्यस्थलों पर स्वस्थ विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए और अस्वस्थ खाने की आदतों पर लगाम लगाने के लिए जागरूकता फैलाई जाए. यह प्रयास पूरी तरह से एक जनस्वास्थ्य पहल है जिसका उद्देश्य किसी खास खाद्य पदार्थ को निशाना बनाना नहीं, बल्कि समग्र रूप से लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना है.