भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच होने वाला मुक्त व्यापार समझौता (FTA) दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की तैयारी में है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस समझौते को भारत के व्यापारिक हितों की सुरक्षा करते हुए वैश्विक व्यापार के लिए एक मजबूत उदाहरण बताया है. इसके साथ ही उन्होंने ब्रिटेन की ओर से प्रस्तावित कार्बन टैक्स CBAM को लेकर चेतावनी भी दी है कि अगर इससे भारतीय निर्यात को नुकसान पहुंचता है, तो भारत जवाबी कार्रवाई करेगा.
पीयूष गोयल के अनुसार, भारत-UK व्यापार समझौता भारत के लिए कई मायनों में फायदेमंद रहेगा. इसमें उन क्षेत्रों को खोला गया है जहां देश को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों और तकनीक की ज़रूरत है. गोयल ने बताया कि यह समझौता खासतौर पर लेबर-इंटेंसिव सेक्टर्स जैसे फुटवियर, टेक्सटाइल, रत्न एवं आभूषण के लिए नए अवसर लाएगा. उन्होंने कहा कि इस समझौते में भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों जैसे डेयरी, चावल और चीनी की पूरी सुरक्षा की है. इसके अलावा, समझौते में यूके से उन उत्पादों के आयात को प्राथमिकता दी गई है जो भारत में कम उपलब्ध हैं.
ब्रिटेन की ओर से 2027 से लागू होने वाले CBAM (Carbon Border Adjustment Mechanism) को लेकर भारत ने स्पष्ट रुख अपनाया है. मंत्री गोयल ने कहा कि यह मुद्दा फिलहाल FTA में शामिल नहीं है क्योंकि CBAM अभी प्रभावी नहीं है. लेकिन अगर भविष्य में CBAM के चलते भारत के निर्यात को नुकसान होता है तो भारत जवाबी कार्रवाई करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भारत इस मुद्दे को लेकर UK के साथ कूटनीतिक स्तर पर बातचीत कर रहा है और ‘रीबैलेंसिंग’ के लिए तैयार है. हालांकि यह कानूनी दस्तावेज का हिस्सा नहीं है, जिससे चिंता जताई जा रही है.
भारत और यूके ने क्रिटिकल मिनरल्स को लेकर मिलकर काम करने का निर्णय लिया है. यह साझेदारी सेमीकंडक्टर, क्वांटम टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बायोटेक्नोलॉजी जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देगी. इसके लिए दोनों देश मिलकर UK-India Critical Minerals Guild की स्थापना करेंगे, जो इन क्षेत्रों में निवेश, नवाचार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने का काम करेगा. इसके अलावा, Vision 2035 डॉक्यूमेंट के तहत तकनीकी सुरक्षा और अनुसंधान पर भी दोनों देशों की रणनीतिक भागीदारी को दिशा दी जाएगी.