कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर कड़ा हमला किया है. उन्होंने जयशंकर की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से हुई मुलाकात को लेकर कहा कि वह भारत की विदेश नीति को नष्ट करने के उद्देश्य से एक "पूरा तमाशा" चला रहे हैं. राहुल गांधी का यह बयान जयशंकर के चीन यात्रा पर आधारित था, जिसमें वह शी जिनपिंग से मिले थे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने X पर एक लिखा, "मुझे लगता है कि चीन के विदेश मंत्री आएंगे और (प्रधानमंत्री) मोदी को चीन-भारत संबंधों में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बारे में सूचित करेंगे. विदेश मंत्री अब एक पूरा तमाशा चला रहे हैं, जिसका उद्देश्य भारत की विदेश नीति को नष्ट करना है."
कांग्रेस का कड़ा हमला
यह बयान तब आया जब जयशंकर अपने पहले चीन दौरे पर शी जिनपिंग से मंगलवार को मिले थे, और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की थी. कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी जयशंकर पर हमला करते हुए चीन द्वारा पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंडूर के दौरान दी गई समर्थन की याद दिलाई.
जयशंकर के दौरे पर कांग्रेस की आपत्ति
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने चीन के पाकिस्तान को "सक्रिय समर्थन" देने की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह "हालिया घटनाक्रम" में शामिल है. उन्होंने भारतीय सेना के उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन ने इस संघर्ष को अपने हथियार प्रणाली का परीक्षण करने के लिए "लाइव लैब" के रूप में इस्तेमाल किया.
रमेश ने कहा, "हम शायद विदेश मंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि प्रधानमंत्री के शी जिनपिंग से आखिरी मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में चीन ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंडूर के दौरान पूरा समर्थन दिया, जिससे यह नेटवर्क-सेंट्रिक युद्ध और हथियार प्रणाली जैसे J-10C फाइटर और PL-15E एयर-टू-एयर मिसाइलों का परीक्षण करने का स्थान बन गया."
चीन द्वारा प्रतिबंध और अन्य चिंताएँ
रमेश ने यह भी सवाल उठाया कि जयशंकर-शी मुलाकात के बीच चीन ने भारत को महत्वपूर्ण सामग्रियों जैसे दुर्लभ-पृथ्वी चुंबकों और टनल-बोरिंग मशीनों का निर्यात सीमित कर दिया है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि चीन के सैकड़ों श्रमिकों को भारत के फॉक्सकॉन संयंत्र से बाहर किया गया है, जो एप्पल के आईफोन का निर्माण करता है.
कांग्रेस का जयशंकर से सवाल
रमेश ने यह भी पूछा, "अगर संसद ने 1962 में चीन के आक्रमण के समय सीमा विवाद पर चर्चा की थी, तो हम अब क्यों नहीं चर्चा कर सकते, खासकर जब दोनों पक्ष फिर से सामान्यीकरण की इच्छा रखते हैं?" कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मुद्दे को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाया, और कहा कि शी जिनपिंग से मुलाकात कोई चौंकाने वाली बात नहीं थी, खासकर जब जयशंकर ने 2023 में यह टिप्पणी की थी कि भारत एक छोटा अर्थव्यवस्था है, जो बड़े देशों से नहीं लड़ सकता.