Hate Speech Highest Incidence: चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे का वोट काटने के लिए कटाक्ष करना शुरू कर देती हैं. ऐसे में नेता कभी-कभी अपनी मर्यादा भी भूल जाते हैं. ऐसे में सामने आते हैं हेट स्पीच के मामले. कभी-कभी हेट स्पीट के मामले नेताओं के गले की फांस भी बन जाते हैं और फिर सदस्यता तक चली जाती है.
ताजा उदाहरण उत्तर प्रदेश में सपा के कद्दावर नेता आजम खां का है. साल 2023 में ऐसे ही हेट स्पीट के मामलों को लेकर वाशिंगटन डीसी स्थित ग्रुप इंडिया हेट लैब की ओर से एक रिपोर्ट जारी हुई है, जिसमें कई चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. तो जानते हैं कि देश में कौन से राज्य हैं, जहां हेट स्पीच के मामले सबसे ज्यादा आए हैं और उनमें बढ़ोत्तरी भी हुई है.
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषण का डॉक्यूमेंटेशन करने वाले वाशिंगटन डीसी की इंडिया हेट लैब की ओर से एक रिपोर्ट जारी की गई है. बताया गया है कि साल 2023 में भारत में मुसलमानों को टारगेट करने वाली 668 हेट स्पीच की घटनाएं दर्ज की हैं. भारत में 'हेट स्पीच इवेंट्स' टाइटल वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2023 की पहली छमाही में 255 घटनाएं हुईं, वर्ष की दूसरी छमाही में यह संख्या बढ़कर 413 हो गई. यानी इन मामलों में 62% की वृद्धि हुई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 75% घटनाएं (498) भाजपा शासित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की ओर से प्रशासित) और दिल्ली में हुई हैं. जबकि 36% (239) घटनाओं में मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का प्रत्यक्ष आह्वान शामिल था. 63% (420) घटनाओं में षड्यंत्र को शामिल किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से लव जिहाद, भूमि जिहाद, हलाल जिहाद और जनसंख्या जिहाद शामिल थे. करीब 25% (169) भाषणों में मुस्लिम पूजा स्थलों को निशाना बनाने की बात भी कही गई है.
पैटर्न और रुझानों को बताते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि नफरत भरे भाषणों की घटनाएं अगस्त से नवंबर के समय में सबसे ज्यादा रहीं, जब राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र (118), उत्तर प्रदेश (104), मध्य प्रदेश (65), राजस्थान (64), हरियाणा (48), उत्तराखंड (41), कर्नाटक (40), गुजरात (31), छत्तीसगढ़ (21), और बिहार ( 18) घृणा भाषण की सबसे ज्यादा घटनाओं के लिए टॉप 10 में रहे.
भाजपा शासित राज्यों और गैर-भाजपा शासित राज्यों के बीच नफरत भरे भाषण की घटनाओं में बड़ा देखने को मिला है. रिपोर्ट में भाजपा शासित और गैर-भाजपा शासित राज्यों के बीच हेट स्पीच पर प्रकाश डाला गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा के सीधे आह्वान से जुड़ी घटनाओं में से 78% घटनाएं भाजपा शासित राज्यों में हुई हैं.
रिपोर्ट में दिलचस्प बात यह है कि गैर-भाजपा शासित राज्यों में नफरत फैलाने वाले भाषणों की घटनाओं में भाजपा नेताओं के शामिल होने की संभावना ज्यादा थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा शासित राज्यों में केवल 10.6% घटनाओं में भाजपा नेता शामिल थे, जबकि यह आंकड़ा बढ़कर 27.6% हो गया.
नफरत भरे भाषणों के पीछे संगठनों के मकसद की बात करें तो 32% (126) आयोजन विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल की ओर से आयोजित किए गए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावी रैलियों के संदर्भ में करीब 50 नफरत भरे भाषण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए भाजपा खुद जिम्मेदार थी. कुल मिलाकर संघ परिवार से जुड़े संगठन 307 घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं, जो साल 2023 में सभी घटनाओं का करीब 46% है.
रिपोर्ट के मुताबिक, 146 हेट स्पीच की घटनाओं के पीछे केवल पांच लोग जिम्मेदार थे. इनमें भाजपा विधायक टी राजा सिंह और नितेश राणे, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया, धुर दक्षिणपंथी प्रभावशाली काजल शिंगला, सुदर्शनब न्यूज के मालिक सुरेश चव्हाणके, हिंदू धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद, कालीचरण महाराज, साध्वी सरस्वती मिश्रा शीर्ष आठ वक्ता हैं.
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