Haldwani violence latest updates: हल्द्वानी के बनभूलपुरा में 8 फरवरी को हुई हिंसा को लेकर नया खुलासा हुआ है. दावा किया गया है कि नैनीताल स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की आशंका जताई थी. कहा गया था कि अगर बनभूलपुरा में अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाया जाता है तो इलाके में हिंसा भड़क सकती है. तीन दिन पहले भड़की हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य लोग घायल हो गए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2 फरवरी को LIU ने जिला मजिस्ट्रेट वंदना सिंह और सीनियर एसपी प्रह्लाद मीणा को एक चिट्ठी भेजकर स्थानीय लोगों की ओर से विरोध प्रदर्शन की संभावना के बारे में चेतावनी दी थी. LIU ने अतिक्रमण हटाओ अभियान सुबह जल्दी चलाने की सलाह दी थी. साथ ही आस-पास की छतों की उचित निगरानी करने का भी सुझाव दिया था. LIU की चेतावनी के बावजूद अतिक्रमण हटाओ अभियान शाम करीब साढ़े चार बजे चलाया गया और बाद में प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि छतों से पत्थर बरस रहे थे.
LIU रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसे समय में जब मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं, उनके लिए इस पर टिप्पणी करना सही नहीं होगा. उन्होंने कहा कि डीएम और एसएसपी के कार्यालयों के बीच LIU की ओर से किया गया पत्राचार जिला स्तर की बात है. मजिस्ट्रियल जांच जारी है. हम इस प्रकरण से उचित सबक लेंगे. हम उन लोगों को नहीं बख्शेंगे जिन्होंने भीड़ के रूप में हिंसा शुरू की.
रिपोर्ट में कहा गया है कि अब्दुल मलिक नाम के व्यक्ति को मलिक का बगीचा पर अतिक्रमण करते हुए पाया गया. प्रशासन ने 30 जनवरी को इस क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया. मलिक के बागीचे में मस्जिद और मदरसा है. प्रशासन की ओर से एक फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटने पर इन्हें ध्वस्त करने का नोटिस दिया गया.
रिपोर्ट में कहा गया कि अगर प्रशासन उक्त मस्जिद और मदरसे को ध्वस्त करता है, तो स्थानीय लोगों की ओर से भारी विरोध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. अतिक्रमण हटाने की प्रशासनिक कार्रवाई को ध्यान में रखते हुए, पर्याप्त पुलिस व्यवस्था के अलावा कुछ सुझाव दिया जाता है.
LIU की ओर से जो सुझाव दिए गए, उनमें कहा गया कि सुबह के समय अतिक्रमण हटाना बेहतर होगा ताकि वहां कम से कम लोग मौजूद रहें. आसपास के इलाकों की ड्रोन से वीडियोग्राफी करना जरूरी होगा ताकि छतों पर रखे सामान और एकत्र लोगों को पहले ही देखा जा सके. उक्त स्थान व आसपास के सभी संपर्क मार्गों पर बैरिकेडिंग कर पुलिस व पीएसी तैनात करना अहम होगा. अतिक्रमण हटाने से पहले, खोजी टीमों को धार्मिक पुस्तकों और प्रतीकों (मस्जिद और मदरसे से) को हटाकर संबंधित मौलवी को सौंप देना चाहिए और इसकी वीडियोग्राफी की जानी चाहिए.