Haldwani Violence: नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी हिंसा को सुनियोजित बताया है. डीएम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीसीटीवी फुटेज दिखाया और कहा कि सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है, जिसे लेकर अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी है. इसी दौरान गुरुवार को नगर निगम और पुलिस की टीम वनभूलपुरा से अतिक्रमण हटाने पहुंची थी, जिसके बाद उपद्रवियों ने पुलिस और नगर निगम की टीम पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि फिलहाल इलाके में इंटरनेट सर्विस बैन की गई है. कर्फ्यू लगाया गया है, स्कूलों को बंद किया गया है. साथ ही सीसीटीवी फुटेज के जरिए उपद्रवियों को चिन्हित करने की कार्रवाई जारी है.
गुरुवार को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में जो कुछ भी हुआ, उसे लेकर नैनीताल की डीएम वंदना सिंह और एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस की. 30 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी हिंसा से जुड़े हर पहलु के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैसे भीड़ ने पुलिस और नगर निगम की टीम को निशाना बनाया. उन्होंने ये भी बताया कि हिंसा की घटना सांप्रदायिक घटना नहीं दी. किसी विशेष समुदाय के लोगों ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की.
#WATCH उत्तराखंड: हल्द्वानी के हिंसा प्रभावित इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। pic.twitter.com/7MMlt6KNje
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डीएम वंदना सिंह ने बताया कि ये एक सुनियोजित घटना थी. उपद्रवियों के हमले में मुख्य रूप से स्थानीय थाना को पूरी तरह से नुकसान पहुंचा है. भीड़ ने पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ की है. ये एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. आरोपियों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी. पूरी प्लानिंग के तहत हिंसा की घटना को अंजाम दिया गया. प्लानिंग के तहत कानून को चुनौती दी गई. ये राज्य मशीनरी, राज्य सरकार और कानून व्यवस्था की स्थिति को चुनौती देने का एक प्रयास था.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वंदना सिंह ने बताया कि ये सांप्रदायिक घटना नहीं थी. अगर इसे ऐसा बताया जा रहा है, तो ये बिलकुल गलत है. उन्होंने कहा कि किसी विशेष समुदाय ने जवाबी कार्रवाई नहीं की और न ही पुलिस और नगर निगम की टीम की ओर से किसी को टारगेट कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही थी. अभी तक आधिकारिक जानकारी के मुताबिक दो लोगों की मौत हुई है.
हलद्वानी हिंसा | हलद्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं। घटना में अब तक 4 लोगों की मौत हो गई है और 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। प्रशासन ने सभी स्कूल-कॉलेजों को भी बंद करने का आदेश दिया है: नैनीताल जिला प्रशासन https://t.co/j7VgZE0EPz
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डीएम वंदना सिंह ने कहा कि हिंसा मामले में कोई इंटेलिजेंस फ्लोयर नहीं है. अतिक्रमण हटाए जाने के आधे घंटे के भीतर अचानक उपद्रवियों की भारी भीड़ मौके पर पहुंची. इसके बाद प्रशासन और पुलिस की टीम को निशाना बनाकर हमला किया गया. डीएम ने कहा कि दंगाइयों की पहचान के लिए पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है. पुलिसवालों को जिंदा जलाने के मामले में दोषियों की सीसीटीवी से पहचान कर कार्रवाई की गई है.
होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है. अतिक्रमण मुक्त कराने का अभियान चल रहा है. इसी दौरान बनभूलपुरा इलाके में सरकारी जमीन पर दो सरंचनाएं हैं, जो धार्मिक रूप में रजिस्टर्ड नहीं है. कुछ लोग इस संरचना को मदरसा कहते हैं और कुछ लोग पूर्ण नमाज स्थल कहते हैं. पुलिस और नगर निगम की टीम इसे खाली कराने पहुंची थी. कार्रवाई की तैयारी की जा रही थी, तभी भारी संख्या में भीड़ पहुंच गई. भीड़ इतनी बड़ी संख्या में आएगी, ये अंदाजा नहीं था. जब तक भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े जाते, हवाई फायरिंग की जाती, पानी की बौछार की जाती, स्थिति बिगड़ गई.
#WATCH हल्द्वानी (उत्तराखंड): वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "होई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई।.....सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए...कुछ ने होई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया।… https://t.co/Wh7uis1p9z pic.twitter.com/vUbW5K2JD5
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नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जारी सीसीटीवी फुटेज को दिखाते हुए बताया कि आप इसमें देख सकते हैं कि कोई भी पुलिसकर्मी किसी दूसरे पक्ष या समुदाय को जवाबी कार्रवाई के लिए न उसका रहा है और न ही किसी की पिटाई कर रहा है. उन्होंने कहा कि दिसंबर 2023 में उत्तराखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद हल्द्वानी में जगह-जगह अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई की गई है.
डीएम ने बताया कि जिन लोगों ने अतिक्रमण किया था, सभी को नोटिस और सुनवाई के अवसर दिए गए. कुछ ने दोबारा हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कुछ को समय दिया गया, जबकि कुछ को समय नहीं दिया गया. जहां समय नहीं दिया गया वहां पीडब्ल्यूडी और नगर निगम की ओर से डिमोलिशन अभियान चलाया गया. ये कोई अलग से चलाई गई ड्राइव नहीं थी और न ही किसी को टारगेट कर कार्रवाई की गई.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीएम वंदना सिंह ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि हल्द्वानी की पूरी घटना सुनियोजित थी. प्लानिंग के तहत पुलिसकर्मियों और नगर निगम की टीम को निशाना बनाया गया.उन्होंने कहा कि उपद्रवी पुलिस और निगम की टीम को जिंदा जलाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि थाने में तोड़फोड़ के दौरान पेट्रोल बम फेंककर आग भी लगाई गई और अंदर मौजूद पुलिसकर्मियों को दंगाईयों ने बाहर नहीं निकलने दिया.
डीएम ने दावा करते हुए ये भी बताया कि प्लानिंग के तहत उपद्रवियों ने घरों की छतों पर पत्थर रखे थे. जब पुलिस और निगम की टीम कार्रवाई को लेकर नोटिस देने गई थी, तब लोगों की घरों पर पत्थर नहीं रखे गए थे, लेकिन जब टीम कार्रवाई के लिए पहुंची तो प्लानिंग के तहत छतों से पुलिस और निगम की टीम पर पथराव होने लगा. उन्होंने कहा कि दंगाईयों ने घरों के ऊपर पेट्रोल बम भी रखे थे. उनके पास बंदूकें भी थीं, जिससे उन्होंने पुलिस और निगम की टीम पर फायरिंग भी की.
#WATCH हल्द्वानी (उत्तराखंड): वन्दना सिंह (डीएम,नैनीताल) ने कहा, "हमने डिमोलिशन अभियान जारी रखने का फैसला किया क्योंकि परिसंपत्तियों पर कोई रोक नहीं था, किसी व्यक्ति का अधिकार नहीं था... विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण हटाने की कानूनी प्रक्रिया चल रही है और इसलिए यहां भी ऐसा किया… pic.twitter.com/nOhwbfo1aq
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद नैनीताल के एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने भी हिंसा की घटना को लेकर बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के पास देसी बंदूकें थीं, जिससे उन्होंने पुलिस की टीम, नगर निगम की टीम और थाने पर फायरिंग की. उन्होंने बताया कि पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए चिन्हित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उन्होंने बताया कि आज पुलिस की टीम ने पैट्रोलिंग की है. फिलहाल, इलाके में माहौल अंडर कंट्रोल है.