नई दिल्ली. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद ASI की टीम वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कर रही है. आज सर्वे का तीसरा दिन है. 3 अगस्त को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 4 अगस्त से सर्वे शुरू किया गया था. पहले और दूसरे दिन के सर्वे में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने कई कलाकृतियों को इकठ्ठा करके एक जगह स्टोर कर दिया है. हिंदू पक्ष ने देवी-देवताओं की मूर्तियों के मिलने का दावा किया है.
आज फिर ASI की टीम ने सर्वे शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि आज सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके लिए IIT कानपुर के वैज्ञानिकों को बुलाया गया है.
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एएसआई की टीम ने 5 अगस्त को ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वे किया. इस दौरान केंद्रीय गुंबद के हॉल का सर्वे और उस जगह की फोटोग्राफी और मैपिंग की गई. टीम ने तहखाने का भी सर्वे किया.
मूर्ति मिलने का दावा
दूसरे दिन सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष की ओर से मूर्ति मिलने का दावा किया गया. मूर्ति के साथ त्रिशूल और कलश मिलने का भी दावा किया जा रहा है. हिंदू पक्ष ने कहा कि सर्वे में एएसआई टीम को हिंदू देवी-देवताओं से जुड़े की तरह के साक्ष्य मिले हैं. पक्ष ने दावा कि तहखाने की दीवार पर पशु और देवी देवताओं की मूर्ति दिखी. साथ ही साथ कमल के निशान भी बने थे. ये दावा हिंदू पक्ष ने दूसरे दिन के सर्वे को लेकर किया. दूसरे दिन सर्वे टीम ने तहखाने के बुनियादी ढांचे को समझने के लिए DGPS मशीन का इस्तेमाल किया था.
पहले दिन के सर्वे में ASI को क्या मिला?
4 अगस्त को किए गए सर्वे में एएसआई टीम ने ज्यादातर समय पेपर वर्क करने में लगाए. जुमे की नमाज के चलते पहले दिन 5 घंटा ही सर्वे हुआ था. एएसआई के कर्मचारियों ने पहले दिन ज्ञानवापी परिसर का पूरा डिजाइन तैयार किया. दीवारों और परिसर के अंदर से मिले साक्ष्यों को एकत्र किया. सर्वे में मिले स्मृति चिन्हों की एएसआई की टीम ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की.
मुस्लिम पक्ष का चाबी देने से इनकार
एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया कि हम जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं. सर्वे से हमें किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं है. हम सर्वे टीम से संतुष्ट हैं. ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में जिस जगह पर तालाबंदी है, वहां का ताला खोल दिया जाएगा लेकिन चाबी नहीं दी जाएगी.
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