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जमीन घोटाला मामले में ED का एक्शन, एमजीपी नेता रोहन हरमलकर को किया गिरफ्तार

गोवा के कारोबारी रोहन हरमलकर की गिरफ्तारी गोवा में भूमि घोटालों के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों में एक महत्वपूर्ण कदम है.। ईडी की जांच से इस घोटाले के बड़े पैमाने का खुलासा हुआ है, और अब अन्य लाभार्थियों और सरकारी अधिकारियों की भूमिका की जांच जारी है.

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Edited By: Mayank Tiwari
MGP leader Rohan Harmalkar
Courtesy: Social Media

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार (3 जून) की रात महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के नेता और कारोबारी रोहन हरमलकर को गोवा में बहु-करोड़ भूमि घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया. उन पर आरोप है कि उन्होंने जाली दस्तावेजों के जरिए अवैध रूप से जमीन हड़पने की साजिश रची और बिना मालिकों की सहमति के कई संपत्तियों को गैरकानूनी ढंग से बेचा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रोहन हरमलकर ने 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव में कुम्बरजुआ निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में हिस्सा लिया था, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया था. साल 2024 में उन्होंने एमजीपी जॉइन की. ईडी ने 24 और 25 अप्रैल को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कई स्थानों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. बुधवार को उन्हें गोवा की पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया गया.

जमीन हड़पने का मामला पहले भी आ चुका है सामने

हालांकि, रोहन हरमलकर का नाम पहले भी दो भूमि हड़पने के मामलों में सामने आ चुका है, जिनकी जांच गोवा पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) कर रही है. पिछले साल नवंबर में, उन्हें अरपोरा में एक कारोबारी पर हमला करने के आरोप में गोवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 

ED की जांच और चौंकाने वाले खुलासे

ईडी ने अपनी जांच में पाया कि रोहन हरमलकर इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार हैं. एजेंसी ने 25 अप्रैल को जारी एक बयान में कहा, “खुफिया जानकारी और वित्तीय जांच के आधार पर छापेमारी की गई, जिसमें पता चला कि रोहन हरमलकर ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर जाली दस्तावेज बनाकर, राजस्व रिकॉर्ड में हेरफेर कर और व्यक्तियों की पहचान का दुरुपयोग कर अवैध रूप से संपत्तियों पर कब्जा किया.”

जांच के दौरान बरदेज तालुका के अंजुना, अरपोरा और अस्सागाओ जैसे प्रमुख पर्यटक स्थलों में लाखों वर्ग मीटर की उच्च मूल्य की जमीनों से संबंधित जाली दस्तावेज बरामद किए गए. इन संपत्तियों का वर्तमान बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है. इसके अलावा, 600 करोड़ रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों के मूल दस्तावेज भी जब्त किए गए. साथ ही ईडी ने दावा किया कि इस अपराध से मिले धन को कई व्यक्तियों और बेनामी संस्थाओं के जरिए लॉन्ड्रिंग किया गया और फिर रियल एस्टेट, लग्जरी वाहनों और अन्य उच्च-मूल्य की संपत्तियों में निवेश किया गया.

 गोवा सरकार ने शुरू की कार्रवाई

गोवा सरकार ने 15 जून, 2022 को जाली दस्तावेजों के जरिए अवैध भूमि हस्तांतरण और भूमि हड़पने के मामलों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की थी. एसआईटी ने 44 एफआईआर की जांच की, जिसमें 1.5 लाख वर्ग मीटर से अधिक की 100 से ज्यादा संपत्तियां शामिल थीं. दिसंबर 2024 तक 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें अभिलेखागार विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं. 
9 सितंबर, 2022 को गोवा सरकार ने भूमि हड़पने के मामलों की जांच के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस वी.के. जाधव (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किया.