Electoral History of Narendra Modi: देश के 18वें लोकसभा के लिए हुए मतदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले गठबंधन की लगातार तीसरी जीत ने भारत के इतिहास में खास स्थान हासिल कर लिया है. यह भारत के चुनावी इतिहास में 60 साल के बाद देखने को मिला है जिसमें किसी पार्टी ने लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का काम किया है. बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान ‘अब की बार, 400 पार’ के नारे पर खासा कैंपेन किया था, लेकिन जब मंगलवार को नतीजे आए तो बीजेपी को उसके मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले.
इतना ही नहीं पिछले दो चुनाव में अकेले बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला गठबंधन 300 के आंकड़े को छू पाने में भी नाकाम रहा. हालांकि एनडीए गठबंधन 272 के आंकड़े को आसानी से पार कर गया. पिछले चुनावों में एनडीए गठबंधन को 353 सीट मिली थी लेकिन इस बार उसे पिछली बार से 150 सीटें कम मिली हैं. जहां नरेंद्र मोदी आजादी के बाद लगातार 3 बार कार्यकाल संभालने वाली दूसरे पीएम बने तो वहीं उनके नाम एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी हुआ.
पीएम मोदी ने अपने चुनावी करियर में जब भी चुनाव लड़ा हमेशा बहुमत से ही जीत हासिल की लेकिन यह पहली बार है जब नरेंद्र मोदी को उनके चुनावी करियर में सीटों के लिए बेबस होते हुए देखने को मिल सकता है. पीएम मोदी का राजनीतिक डेब्यू साल 2002 में हुआ जब उन्होंने केशुभाई पटेल के बीमार होने के बाद गुजरात के सीएम बने.
पीएम मोदी ने राजकोट में हुए उपचुनाव में जीत हासिल की जिसके बाद उन्हें सीएम बना दिया गया, हालांकि उसी दौरान गुजरात में धार्मिक सौहार्द बिगड़ता है और वहां हुए नुकसान के लिए पीएम मोदी का नाम जोड़ा जाता है. इसे आहत होकर नरेंद्र मोदी ने इस्तीफा दे दिया और दिसंबर 2002 में फिर से विधानसभा हुए जिसमें बीजेपी ने पिछले चुनाव से बेहतर प्रदर्शन किया और 182 सीटों में से 127 सीटें अपने नाम की.
2002 के बाद पीएम मोदी ने 5 साल तक सीएम का पद संभाला और 2007 में फिर से बीजेपी का नेतृत्व विधानसभा चुनाव में किया. 2007 के विधानसभा चुनावों में पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी ने 117 सीटें जीती तो वहीं 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हाथ 115 सीटें लगी. लगातार 3 बार सीएम का कार्यकाल बिताने के बाद नरेंद्र मोदी को 2014 में राष्ट्रीय नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया और पहली बार लोकसभा चुनाव में वो उतरे.
इन चुनावों में पीएम मोदी राजकोट और वाराणसी की लोकसभा सीट से मैदान में उतरे तो उनके नेतृत्व में बीजेपी ने 10 साल बाद पहली बार जीत का स्वाद चखा और बहुमत से सरकार बनाई. जहां बीजेपी ने इन चुनावों में अकेले 282 सीटें जीती तो वहीं पर एनडीए गठबंधन के खाते में 336 सीटें आई. 2019 में पीएम मोदी के नेतृत्व में सीटों की संख्या बढ़ी और बीजेपी ने अकेले 303 सीट तो वहीं एनडीए गठबंधन ने 353 सीटें अपने नाम की.
हालांकि 2024 के लोकसभा चुनावों में पहली बार बीजेपी को पीएम के नेतृत्व में ऐसी जीत मिली है जिसमें सरकार तो बन जाएगी लेकिन वो अपने दम पर बहुमत के आंकडे़ को पार नहीं कर पाएगी. कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की विपक्ष में मजबूती से वापसी ने भाजपा को अपने सहयोगियों पर निर्भर होने के लिए मजबूर कर दिया क्योंकि वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने में विफल रही.
अब ऐसे में यह पहली बार होगा जब पीएम मोदी को कोई भी बढ़ा फैसला लेने से पहले अपने सहयोगी दलों की तरफ देखना पड़ेगा, साथ ही वो उन्हें नाराज करने का जोखिम भी नहीं सकते हैं. ये नतीजे एग्जिट पोल के नतीजों के भी उलट हैं, जिसमें बीजेपी की अगुआई वाले एनडीए की करीब 400 सीटों के साथ शानदार वापसी की भविष्यवाणी की गई थी, जिसमें बीजेपी को 2019 के 303 सीटों के आंकड़े को बेहतर बनाने की उम्मीद थी. विपक्ष ने एग्जिट पोल की भविष्यवाणियों को खारिज करते हुए “लोगों के पोल” पर भरोसा जताया था और नतीजे लगभग वैसे ही नजर आ रहे हैं.