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Delhi Liquor Scam: खत्म होगी AAP या पार्टी खेल जाएगी सिम्पैथी कार्ड? इन 7 सवालों का हर कोई ढूंढ़ रहा जवाब

Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाले में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सियासी बवंडर आ गया है. हालांकि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP, दिल्ली सरकार और आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति को लेकर कई सवाल घूम रहे हैं.

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Delhi Liquor Scam: दिल्ली शराब घोटाला केस में सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी हो चुकी है. हालांकि आम आदमी पार्टी (AAP) काफी पहले से दावा कर रही थी कि उनकी गिरफ्तारी कराई जाएगी. ईडी ने गुरुवार (21 मार्च) को आखिरकार केजरीवाल को उनके सरकारी आवास से गिरफ्तार कर लिया. झारखंड के हेमंत सोरेन के बाद ये दूसरी गिरफ्तारी है, जिसमें पद पर रहते हुए किसी सीएम को गिरफ्तार किया गया है. 

हालांकि सोरेन और केजरीवाल दोनों को ही ईडी ने नौवें समन के बाद गिरफ्तार किया है. केजरीवाल की गिरफ्तारी पर AAP ने देर रात सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसे खारिज कर दिया गया. पार्टी ने बाद में अपनी याचिका वापस ली. हालांकि आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल को 10 दिन तक ईडी की रिमांड में भेज दिया है. आम आदमी पार्टी के बड़े नेता मनीष सिसौदिया, संजय सिंह, सत्येंद्र जैन और विजय नायर पहले से ही जेल में बंद है. 

ऐसे में सवाल लोगों के जहन में कौंध रहे हैं कि दिल्ली का अगला सीएम कौन होगा, क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी सहानुभूति (सिम्पैथी कार्ड) का पत्ता खेल सकती है. इसी तरह से कई ऐसे सवाल है जिनका लोग जवाब जानना चाहते हैं.  हालांकि आम आमदी पार्टी लगातार भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर इस मामले को लेकर हमलावर है. आप का आरोप है कि भाजपा के इशारे पर ही केंद्रीय एजेंसियां उनके नेताओं को टारगेट कर रही हैं. 

1. कौन होगा दिल्ली का अगला सीएम? 

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी मार्लेना ने ऐलान किया था कि केजरीवाल हमारे सीएम बने रहेंगे. आतिशी ने कहा था कि केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाएंगे. हालांकि केजरीवाल बिना किसी विभाग के सीएम हैं. चूंकि उन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है, इसलिए केजरीवाल को विधायक के रूप में अयोग्य नहीं कहा जा सकता है. इसका मतलब ये है कि वह मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं. 

सैद्धांतिक रूप से यह ठीक लग सकता है, लेकिन क्या कानून इसकी इजाजत देता है? क्या मुख्यमंत्री बने रहना नैतिक रूप से सही होगा? क्या उपराज्यपाल (एलजी), जिनके AAP से अच्छे संबंध नहीं हैं, हस्तक्षेप के बाद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटा सकते हैं और सरकार की बागडोर अपने हाथ में ले सकते हैं? यह देखना बाकी है. 

2. क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी से AAP को मिलेगी सिम्पैथी? 

राजनीति के गलियारों में ये बात काफी हद तक चर्चाओं में रहती है दिल्ली में आम आदमी पार्टी को वोटरों का अच्छा समर्थन हासिल है. हालांकि दिल्ली के बाहर पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने अपना कुनबा बढ़ाया और राज्य की सत्ता हासिल की. लेकिन इन दोनों राज्यों के बाहर आप का कोई खास असर देखने को नहीं मिला है. माना जा रहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी बाकी राज्यों में पार्टी के विस्तार को रोक सकता है. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि क्या केजरीवाल की गिरफ्तारी बाकी राज्यों में सहानुभूति के आधार पर विस्तार कर सकती है?

3. क्या ये सिम्पैथी लोकसभा चुनावों में काम करेगी? 

एक राज्य के रूप में दिल्ली में बंटा हुआ मतदान होता है, यानी बड़ी संख्या में वोटर विधानसभा चुनाव में AAP का समर्थन करते हैं, लेकिन लोकसभा चुनावों में भाजपा को वोट देते हैं. इसका मतलब ये है कि राजधानी में स्विंग वोटरों की अच्छी संख्या है. केजरीवाल की गिरफ्तारी का इस वर्ग पर क्या असर पड़ेगा? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भले ही वोटरों के एक वर्ग को लगता है कि केजरीवाल को केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, तो क्या यह अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों में आप को कुछ फायदा होगा? 

दिल्ली में मतदान की तारीख दो महीने बाद 25 मई है. क्या भाजपा ने अनजाने में राज्य को आम आदमी पार्टी के सामने परोस दिया है? 2025 में पार्टी अपने कार्यकाल का एक दशक पूरा करेगी. क्या यह 2025 के विधानसभा चुनावों में केजरीवाल सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर को बेअसर कर सकता है?

4. क्या गिरफ्तारी विपक्ष को एकजुट कर सकती है? 

लोकसभा चुनाव से पहले प्रमुख सहयोगियों के बाहर निकलने, महाराष्ट्र और बिहार जैसे प्रमुख राज्यों के लिए सीट-बंटवारे समझौते को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिए जाने से विपक्ष असमंजस में है. लेकिन आज कथित शराब घोटाले में सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस ने इस मुद्दे को मजबूती के साथ उठाया है. 

INDIA ब्लॉक के सभी शीर्ष नेता केजरीवाल के समर्थन में सामने आ गए हैं. इस गिरफ्तारी ने अंततः विपक्षी गठबंधन को एकजुट करने का काम किया है और इसे एक मुद्दा दिया है. विपक्ष का आरोप है कि भाजपा विपक्ष को खत्म करना चाहती है. 

5. भाजपा पर इसका क्या असर पड़ सकता है? 

जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार आम चुनावों में भाजपा स्पष्ट रूप से ध्रुव की स्थिति में है. अक्सर जब कोई पार्टी सत्ता में होती है, तो वह अति आत्मविश्वास में आ जाती है और संकट के संकेतों को नजरअंदाज कर देती है. इस तरह की कार्रवाइयां विपक्ष को उत्तेजित कर सकती हैं. जानकारों का कहना है कि ये गोला-बारूद का काम कर सकती है. इसका असर उन मतदाताओं पर पड़ सकता है जो चाहते हैं कि भारत में सशक्त विपक्ष हो. 

6. AAP के लोकसभा अभियान को कौन लीड करेगा? 

आम आदमी पार्टी केजरीवाल पर काफी हद तक निर्भर है, क्योंकि वे पार्टी के स्टार प्रचारक हैं. पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के कई संस्थापक सदस्यों ने केजरीवाल के साथ मतभेदों के कारण उन्हें जिद्दी और निरंकुश कहते हुए पार्टी छोड़ दी है. सिसौदिया के सलाखों के पीछे होने से पार्टी के पास राष्ट्रीय स्तर पर अपील करने वाला नेता नहीं है. हालांकि अब पंजाब के सीएम भगवंत मान, दिल्ली की मंत्री आतिशी और सौरव भारद्वाज मोर्चा संभाल सकते हैं. 

7. क्या ये AAP के लिए अंत है?

आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ एक जन आंदोलन के दौरान हुआ था. महज एक दशक में इसने राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल किया है. कांग्रेस और भाजपा के अलावा यह एकमात्र पार्टी है, जिसकी एक से ज्यादा राज्यों में सरकार है. इसने गुजरात, गोवा और हरियाणा में भी अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है. कई लोगों का मानना ​​है कि इसमें मुख्य विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस की कमान संभालने की क्षमता है. 

अब देखना होगा कि अगले कुछ दिनों में चीजें कानूनी और राजनीतिक रूप से कैसे आगे बढ़ती हैं, ताकि यह पता चल सके कि केजरीवाल की गिरफ्तारी का लोकसभा चुनाव परिणामों पर क्या प्रभाव पड़ेगा. हालांकि स्थिति के बारे में कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता है.