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तमिलनाडु में तबाही मचा सकता है चक्रवाती तूफान; जानें कैसे पड़ा 'जलजले' का नाम माइचौंग?

Cyclonic Maichong के 4 दिसंबर के आसपास उत्तरी तमिलनाडु तट, विशेष रूप से चेन्नई और मछलीपट्टनम शहरों में टकराने की भी आशंका है.

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Om Pratap

हाइलाइट्स

  • 3 दिसंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 'माइचौंग' के बनने की चेतावनी
  • म्यांमार के सुझाव के आधार पर रखा गया है चक्रवात का नाम 'माइचौंग'

Cyclonic Maichong: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 3 दिसंबर तक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 'माइचौंग' के बनने की चेतावनी जारी की है. साथ ही इसके 4 दिसंबर के आसपास उत्तरी तमिलनाडु तट, विशेष रूप से चेन्नई और मछलीपट्टनम शहरों में टकराने की भी आशंका है. IMD ने आगामी रविवार और सोमवार के लिए तमिलनाडु और तटीय-आंतरिक आंध्र प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है

अभी यहां है चक्रवाती तूफान माइचौंग

आईएमडी की ओर से जारी जानकारी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के ऊपर दबाव आज यानी शुक्रवार को करीब 11.30 बजे दक्षिणपूर्व और सहायक दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र पर केंद्रित था, जो पुदुचेरी से करीब 730 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व, चेन्नई से 740 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व और नेल्लोर से 860 किमी दक्षिणपूर्व में था.

इसके 2 दिसंबर तक गहरे दबाव में बदलने और 3 दिसंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम हिस्से में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. बताया गया है कि यह 4 दिसंबर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश और आसपास के उत्तरी तमिलनाडु तटों तक पहुंच जाएगा.

सीएम स्टालिन ने जिलाधिकारियों की बैठक

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने चक्रवात 'माइचौंग' से देखते हुए शुक्रवार को 12 जिलाधिकारियों और संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टरों को भोजन, बिजली और जरूरी चीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया है.

सीएम ने कहा कि चक्रवात के दौरान किसी भी बिजली हादसे को लेकर पहले से तैयार रहने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि यदि चक्रवात के प्रभाव से पेड़ गिरते हैं तो उन्हें कर्मचारी जल्द से जल्द उन्हें हटाएं. 

ऐसे पड़ा चक्रवाती तूफान का नाम 'माइचौंग'?

'माइचौंग' का नाम म्यांमार की ओर से दिए गए सुझाव के आधार पर रखा गया है. इसका मतलब है ताकत के साथ लचीलापन. चक्रवात मिचुआंग बंगाल की खाड़ी का चौथा चक्रवाती तूफान और 2023 में हिंद महासागर में बनने वाला छठा चक्रवात है. बता दें कि विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) प्रत्येक उष्णकटिबंधीय चक्रवात बेसिन के लिए तैयार की गई नाम के सूचियों के प्रबंधन की देखरेख करता है. 

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