National Herald case: चर्चित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की ओर से दायर अभियोजन शिकायत पर दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को संज्ञान लेने या न लेने का निर्णय फिलहाल सुरक्षित रख लिया है. अदालत इस संबंध में 29 जुलाई को फैसला सुनाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी से जुड़ा है, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की संयुक्त रूप से 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. ईडी का आरोप है कि इस कंपनी का उपयोग एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्तियों पर धोखाधड़ीपूर्ण नियंत्रण स्थापित करने के लिए किया गया. एजेएल वही कंपनी है जो कभी नेशनल हेराल्ड अखबार प्रकाशित करती थी.
ईडी के मुताबिक यह मनी लॉन्ड्रिंग का "क्लासिक उदाहरण" है. सिर्फ 90 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध ऋण के बदले करीब 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को यंग इंडियन को सौंप दिया गया है.
ईडी द्वारा दाखिल शिकायत में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस, साथ ही सैम पित्रोदा, सुमन दुबे और यंग इंडियन कंपनी को प्रतिवादी बनाया गया है. इसके अतिरिक्त, कारोबारी सुनील भंडारी और डॉटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी आरोपपत्र में शामिल है.
ईडी के मुताबिक यंग इंडियन को एजेएल की संपत्तियां बेहद कम मूल्य पर दी गईं है, जो प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध है. ईडी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी दावा किया कि इस संपत्ति स्थानांतरण में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और वित्तीय गड़बड़ी के सभी तत्व मौजूद हैं.
कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें को सुना उसके बाद 29 जुलाई 2025 को अगली सुनवाई की तारीख तय की है, जिस दिन यह तय होगा कि अदालत इस शिकायत पर संज्ञान लेकर मुकदमा शुरू करेगी या नहीं.