12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद क्रैश को लेकर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के 12 सदस्यों में से केवल एक यात्री बच पाया, जबकि 19 लोग जमीन पर मारे गए.
भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की हाल ही में जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने इस त्रासदी के कारणों का खुलासा किया, लेकिन इसने कई सवाल भी खड़े किए हैं. खास तौर पर इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA) ने इस रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें पायलटों पर आत्महत्या के आरोपों को लेकर मीडिया और जनता के बीच अटकलें तेज हो गई हैं. ICPA ने इन आरोपों को "निराधार और गैर-जिम्मेदाराना" करार देते हुए जांच पूरी होने तक धैर्य बरतने की अपील की है.
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट: क्या कहती है?
AAIB की 15 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट जो 12 जुलाई 2025 को जारी की गई, इस हादसे की शुरुआती जांच के निष्कर्ष प्रस्तुत करती है. रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान ने 13:37:37 IST पर अहमदाबाद के रनवे 23 से टेकऑफ शुरू किया और 13:38:39 IST पर हवा में था. लेकिन मात्र तीन सेकंड बाद, 13:38:42 IST पर, दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच एक-दूसरे के बाद एक सेकंड के अंतराल पर 'रन' से 'कट-ऑफ' स्थिति में चले गए, जिसके कारण इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई. इसके तुरंत बाद विमान की गति और ऊंचाई कम होने लगी और 13:39:11 IST पर यह बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, "तुमने फ्यूल कट-ऑफ क्यों किया?" जिसका जवाब दूसरा पायलट देता है, "मैंने ऐसा नहीं किया." हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि यह सवाल और जवाब किस पायलट ने दिया. इस समय, फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर विमान उड़ा रहे थे, जबकि कैप्टन सुमीत सभरवाल पायलट मॉनिटरिंग की भूमिका में थे. दोनों पायलट अनुभवी थे, जिनके पास बोइंग 787 पर क्रमशः 8,600 और 1,100 घंटे की उड़ान का अनुभव था.
आत्महत्या की अटकलों को खारिज किया
रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और जनता के बीच यह अटकलें शुरू हो गईं कि पायलटों में से एक ने जानबूझकर फ्यूल स्विच को कट-ऑफ स्थिति में डाला, जिसे आत्महत्या का कदम माना जा रहा है. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (ICPA), जो एयर इंडिया के नैरो-बॉडी पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है, ने इन अटकलों को "बेबुनियाद और गैर-जिम्मेदाराना" करार दिया. ICPA ने अपने बयान में कहा, "हम मीडिया और सार्वजनिक चर्चा में उभर रही अटकलों, खास तौर पर पायलट आत्महत्या की लापरवाही भरी धारणा से गहरे तौर पर आहत हैं. इस स्तर पर ऐसी गंभीर बात का कोई आधार नहीं है. प्रारंभिक जानकारी के आधार पर इस तरह के आरोप लगाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि इससे शामिल व्यक्तियों और उनके परिवारों को गहरी ठेस पहुंचती है.
ICPA ने यह भी जोर दिया कि पायलटों को व्यापक मनोवैज्ञानिक और पेशेवर जांच से गुजरना पड़ता है और वे उच्चतम सुरक्षा और मानसिक स्वास्थ्य मानकों के तहत काम करते हैं. संगठन ने मांग की कि जांच पूरी होने तक ऐसी अटकलों को रोका जाए और पायलटों को बिना सबूत के दोषी ठहराने से बचा जाए.