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Chhattisgarh Election 2023: विधायक बृहस्पति सिंह को BJP के अलावा अपनों से मिल रही चुनौती, कहीं डिप्टी सीएम से अदावत हार की न बन जांए बड़ी वजह!

Chhattisgarh Assembly Elections 2023: रामानुजगंज विधानसभा सीट बलरामपुर जिले के अंतर्गत आता है और यह आदिवासी बाहुल्य सीट है. इस सीट से अनूसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 60-65 प्रतिशत तक है और उनका वर्चस्व है. इस क्षेत्र से मौजूदा विधायक बृहस्पति सिंह के खिलाफ क्षेत्र में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है.

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Avinash Kumar Singh
Chhattisgarh Election 2023: विधायक बृहस्पति सिंह को BJP के अलावा अपनों से मिल रही चुनौती, कहीं डिप्टी सीएम से अदावत हार की न बन जांए बड़ी वजह!

Chhattisgarh Election 2023: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी दलों की तैयारियां अब अपने परवान चढ़ने लगी है. उम्मीद जताई जा रही है कि चुनाव आयोग सितंबर के आखिरी हफ्ते में किसी भी वक्त पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का ऐलान कर देगा. चुनावी तारीखों के ऐलान के पहले सभी सियासी दल उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार छत्तीसगढ़ की सभी विधानसभा सीटों पर चुनावी लड़ाई बेहद कांटेदार होने वाली है.

रामानुजगंज विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास

ऐसी ही एक विधानसभा सीट रामानुजगंज विधानसभा सीट है. यह सीट बलरामपुर जिले के अंतर्गत आता है और यह आदिवासी बाहुल्य सीट है. इस सीट से अनूसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 60-65 प्रतिशत तक है और उनका वर्चस्व है. साल 2008 में रामानुजगंज सीट के अस्तित्व में आने के बाद पहले चुनाव में बीजेपी नेता रामविचार नेताम ने कांग्रेस के बृहस्पत सिंह को करारी शिकस्त दी थी. उसके बाद साल 2013 में बृहस्पत सिंह ने इस हार का बदला चुकाते हुए रामविचार नेताम को करारी मात दी व पहली बार विधायक बने. साल 2018 में बीजेपी ने यहां से रामविचार नेताम की टिकट काट दी और रामकिशुन सिंह को आजमाया लेकिन वह हार गए और बृहस्पत सिंह दूबारा विधायक बन गए.

BJP ने रामानुजगंज से रामविचार नेताम को दिया टिकट

BJP ने रामानुजगंज से पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम को टिकट दिया है. रामविचार नेताम को टिकट मिलने के बाद एक बार फिर इस विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी. इस क्षेत्र से मौजूदा विधायक बृहस्पति सिंह के खिलाफ क्षेत्र में काफी नाराजगी देखने को मिल रही है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस पार्टी इनको टिकट देती है या नहीं.

विधायक बृहस्पति सिंह और टीएस सिंहदेव के बीच सियासी अदावत जगजाहिर 

दरअसल दो साल पहले 25 जुलाई 2021 को अंबिकापुर में बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमला हुआ था. जिसके बाद बृहस्पति सिंह ने आरोप लगाया था कि टीएस सिंहदेव के इशारे पर इस हमले को अंजाम दिया गया है. मामला जब विधानसभा में भी उठा था तो विधायक बृहस्पति सिंह ने सिंहदेव से माफी मांग ली थी.

रामानुजगंज विधानसभा सीट पर टीएस सिंहदेव का अच्छा-खासा दखल

उसके कुछ दिन पहले टीएस सिंहदेव ने बलरामपुर जिले के राजपुर में आयोजित भेंट मुलाकात कार्यक्रम में रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह पर जमकर हमला बोला था. उन्होंने बृहस्पति सिंह का नाम लिए बगैर इशारों ही इशारों में कहा कि किसी ने सीमा पार कर मुझ पर जान के खतरे का आरोप लगाया. वहां समझौता नहीं हो सकता. ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी विधायक बृहस्पति सिंह को टिकट देती है तो देखना यह दिलचस्प होगा कि टीएस सिंहदेव उनका समर्थन करते हुए चुनाव प्रचार में हिस्सा लेते है या नहीं. रामानुजगंज विधानसभा क्षेत्र में उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है. ऐसे में इस सीट पर कांग्रेस पार्टी के लिए बीच का रास्ता निकालते हुए जीत की हैट्रिक लगाना कड़ी और बड़ी चुनौती रहने वाली है.

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