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प्राउड इंडियन... अलग देश की मांग वाले कांग्रेस MP के बदले सुर, कौन हैं DK सुरेश?

गुरुवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, डीके सुरेश ने कहा था कि दक्षिण भारत के साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि केंद्र दक्षिणी राज्यों के लिए निर्धारित धनराशि को उत्तर भारत में भेज रहा है. डीके सुरेश ने कहा कि हिंदी क्षेत्र ने दक्षिण भारत पर जो स्थिति थोप दी है, उसके परिणामस्वरूप अलग देश मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

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Om Pratap

हाइलाइट्स

  • भाजपा ने साधा निशाना तो डीके सुरेश ने दी सफाई
  • कर्नाटक से कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं डीके सुरेश

Congress MP said Proud Indian after separate country Remark: कर्नाटक कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने एक विवादित पोस्ट करते हुए 'अलग देश' की मांग कर दी. जब उनके पोस्ट को लेकर विवाद बढ़ा तो उन्होंने माफी मांगते हुए यूटर्न लिया और कहा कि प्राउड इंडियन... प्राउड कांग्रेसी. दरअसल, डीके सुरेश ने कल यानी गुरुवार को बजट पेश होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि साउथ इंडिया के साथ न्याय नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि जो कुछ साउथ इंडिया को मिलना चाहिए था, उसे नॉर्थ इंडिया में बांटा जा रहा है. अगर मेरी बातों को नजरअंदाज किया गया तो हम दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की मांग के लिए मजबूर होंगे.

कांग्रेस सांसद डीके सुरेश की इस पोस्ट पर भाजपा ने प्रतिक्रिया दी और उन्हें निशाने पर लिया. कर्नाटक भाजपा ने एक्स पोस्ट में कहा कि कांग्रेस अब भारत को फिर से विभाजित करने की खतरनाक साजिश रच रही है. भारतीयों की ओर से लगातार अस्वीकृति का सामना करते हुए, कांग्रेस अब अलगाववाद का बीजारोपण कर रही है. नेहरू की विरासत का अनुसरण करते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने अलग देश की मांग की है. अगर कांग्रेस नेता भारत में नहीं रहना चाहते हैं, तो उनका भारत छोड़ने और अपनी 'मातृभूमि' इटली चले जाने के लिए स्वागत है.


भाजपा के इस पोस्ट के बाद कांग्रेस नेता ने दी सफाई

भाजपा की ओर से निशाना साधे जाने के बाद कांग्रेस सांसद ने सफाई देते हुए X पर पोस्ट कर कहा कि प्राउड इंडियन और प्राउड कन्नडिगा! दक्षिण भारत और विशेष रूप से कर्नाटक के साथ वित्त आवंटन में अन्याय किया गया है. साथ ही कहा कि उनका बयान केंद्र सरकार की ओर से 'धन वितरण में अन्याय' को ध्यान में लाने की कोशिश था. कर्नाटक ने धन वितरण में क्रूरता का सामना किया है. डीके सुरेश ने कहा कि GST में योगदान देने वाला कर्नाटक देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. इसके बावजूद मोदी सरकार कर्नाटक और अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ अन्याय कर रही है. 

डीके सुरेश ने कहा कि हम कर्नाटक की मिट्टी से हैं, हमें हमारे राज्य के विकास के लिए फंड की जरूरत है. राज्य में सूखा और अन्य विकास कार्यों के लिए बार-बार केंद्र से फंड मांगने का अनुरोध भी किया गया है, लेकिन हमारी मांगों को नजरअंदाज कर दिया जाता है. सफाई पेश करते हुए डीके सुरेश ने ये भी कहा कि मै एक प्राउड इंडियन और कांग्रेसी के रूप में भारत की एकता और अखंडता के साथ खड़ा हूं. उन्होंने आखिर में कहा कि कुछ भी हो, मैं अपने राज्य कर्नाटक के लिए आवाज उठाना जारी रखूंगा. जय हिंद! जय कर्नाटक.

एक अन्य एक्स पोस्ट में भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को टैग करते हुए डीके सुरेश ने लिखा- इस धरती के पुत्र के रूप में, और अपने लोगों के एक सांसद के रूप में न्याय के लिए लड़ना मेरा परम कर्तव्य है. कर्नाटक और अन्य दक्षिणी राज्यों के साथ बहुत अन्याय हुआ है. ये अनुदान प्राप्त करने वाले अंतिम कुछ राज्यों में से एक है. कर्नाटक उन राज्यों में शामिल था, जिन्हें 15वें वित्त आयोग के तहत भारी नुकसान हुआ. केंद्र में आपके आकाओं ने कर्नाटक को उसके धन और उसके विकास से वंचित कर दिया है. आप और अन्य 25 सांसद रीढ़विहीन हो गए हैं, जबकि दुर्भाग्य से मैं आपके साथ शामिल नहीं हो सकता, मैं इस अन्याय के खिलाफ बोलना जारी रखूंगा.

डीके सुरेश ने क्या कहा था?

गुरुवार को संसद में पेश किए गए केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, डीके सुरेश ने कहा था कि दक्षिण भारत के साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि केंद्र दक्षिणी राज्यों के लिए निर्धारित धनराशि को उत्तर भारत में भेज रहा है. डीके सुरेश ने कहा कि हिंदी क्षेत्र ने दक्षिण भारत पर जो स्थिति थोप दी है, उसके परिणामस्वरूप अलग देश मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं था. डीके सुरेश के इस बयान के बाद भाजपा ने तीखी आलोचना की, तेजस्वी सूर्या और आर अशोक सहित पार्टी नेताओं ने डीके सुरेश पर फूट डालो और राज करो की नीति अपनाने का आरोप लगाया. 

आखिर कौन हैं डीके सुरेश?

दक्षिण भारत के रूप में अलग देश की मांग और फिर अपने बयान पर माफी मांगने वाले डीके सुरेश कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के छोटे भाई हैं. डीके सुरेश कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण सीट से कांग्रेस पार्टी के सांसद हैं. बता दें कि डीके सुरेश कर्नाटक से कांग्रेस के इकलौते सांसद भी हैं. डीके सुरेश की राजनीतिक पारी की शुरुआत 2013 में उस वक्त हुई थी, जब मई 2013 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की. इसके बाद 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उन्हें जीत मिली. 

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में डीके सुरेश ने खुद को 85.87 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक बताया था, लेकिन पांच साल बाद ही यानी 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने खुद को 338 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक बताया. यानी पांच साल में उनकी संपत्ति तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ गई. डीके सुरेश ने चुनावी हलफनामे में खुद को किसान और बिजनेसमैन बताया है.

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