नई दिल्ली: गुजरात बीजेपी में पत्रिका युद्ध और इस्तीफे का दौर जारी है, ऐसे में गुजरात कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रही है.
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने बीजेपी की अंर्तकलह पर चुटकी ली है. चावड़ा ने कहा कि बीजेपी में इन दिनों एक-दूसरे की टांग खिंचाई चल रही है.
जनता ने बीजेपी को156 सीटें दी हैं लेकिन जनता की चिंता करने की बजाय नेता एक-दूसरे के खिलाफ पर्चे और पेन ड्राइव बांट रहे हैं.
'गुजरात में अलग-अलग गुट चला रहे अपनी सरकार'
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने गुजरात बीजेपी में हुए इस्तीफों का हवाला देते हुए कहा है कि गुजरात बीजेपी में आंतरिक लड़ाई अब चरमसीमा पर पहुंच चुकी है.
उन्होंने कहा कि पहले पार्टी दो गुटों में बंटी हुई थी अब पार्टी पांच से ज्यादा ग्रुप में बंट गई है. चावड़ा ने कहा कि गुजरात में अलग-अलग गुट अपनी सरकार चला रहे हैं.
'उड़ता गुजरात बनने की ओर बढ़ रहा गुजरात'
चावड़ा ने आरोप लगाया कि बीजेपी नेताओं को जनता की कोई फिक्र नहीं है. उन्होंने कहा गुजरात उड़ता गुजरात बनने की ओर बढ़ रहा है. चावड़ा ने कहा कि मैं बीजेपी के नेताओं से विनती करता हूं कि वे जितना ध्यान एक-दूसरे की टांग खींचने पर लगा रहे हैं. थोड़ा ध्यान लोगों की समस्याओं को दूर करने में दे दें.
प्रदीप सिंह वाघेला के इस्तीफे के बाद बैकफुट पर बीजेपी
गुजरात बीजेपी के सबसे ताकतवर महामंत्री प्रदीप सिंह वाघेला के इस्तीफे के बाद पार्टी बैकफुट पर है. वाघेला ने ऑफ कैमरा कहा कि उन्होंने गुजरात में पार्टी के महासचिव के पद से इसलिए इस्तीफा दिया क्योंकि पिछले दो वर्षों से उनकी छवि को खराब करने के ठोस प्रयास किए गए थे.
ज़ाहिर है उनका इशारा पार्टी के कुछ नेताओं की तरफ था. वाघेला के इस्तीफे से कुछ दिन पहले गुजरात भाजपा प्रमुख और सांसद सीआर पाटिल के खिलाफ कथित रूप से 'मानहानिकारक' पत्र प्रसारित किए जाने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपी भी पार्टी के बड़े नेताओं के ही समर्थक बताये जा रहे हैं.
सुनील सोलंकी ने भी महासचिव पद से दिया इस्तीफा
वाघेला के इस्तीफे के अलावा भाजपा के वडोदरा शहर के महासचिव सुनील सोलंकी ने कहा कि उन्होंने भी 'व्यक्तिगत कारणों' से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वडोदरा महानगर पालिका में सत्तारूढ़ दल के नेता लिम्बाचिया को जुलाई में पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
लिम्बाचिया ने मेयर नीलेश राठौड़ के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पर्चे बांटे थे. इसके बाद पार्टी ने उन्हें को 6 साल के लिये निकाल दिया था. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले गुजरात बीजेपी में अंतर्कलह पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर सकती है.
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