Reuters Ban In India: अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स के आधिकारिक एक्स जो पहले ट्विटर हैंडल के नाम से जाना जाता था, उसको भारत में ब्लॉक किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि उसने इस अकाउंट को ब्लॉक करने का कोई आदेश नहीं दिया था और वह अब मामले को सुलझाने के लिए एक्स के साथ लगातार संपर्क में है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्स पर रॉयटर्स के अकाउंट पर विजिट करने पर यह संदेश दिख रहा है कि "यह अकाउंट भारत में कानूनी मांग के चलते बंद है." सरकारी प्रवक्ता ने शनिवार को बताया, "भारत सरकार की ओर से रॉयटर्स को ब्लॉक करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. हम एक्स के साथ इस समस्या को हल करने के लिए काम कर रहे हैं."
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह कार्रवाई "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान दिए गए 7 मई के सरकारी आदेश का हिस्सा हो सकती है, जिसमें कई सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने के निर्देश दिए गए थे. उस समय रॉयटर्स का अकाउंट ब्लॉक नहीं हुआ था, लेकिन अब संभवतः पुराने आदेश पर देरी से अमल किया गया है. रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है, "यह शायद उनकी ओर से तकनीकी गलती है. अब सरकार ने एक्स से स्पष्टिकरण मांगा है और इस सेंसरशिप को हटाने की बात कही है, क्योंकि अब यह मुद्दा प्रासंगिक नहीं है."
फिलहाल रॉयटर्स का मुख्य हैंडल और रॉयटर्स वर्ल्ड हैंडल भारत में अनुपलब्ध हैं. हालांकि, रॉयटर्स टेक न्यूज, रॉयटर्स फैक्ट चेक, और रॉयटर्स एशिया जैसे अन्य अकाउंट अब भी सुलभ हैं. यूके स्थित रॉयटर्स एजेंसी की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
एक्स की नीति के अनुसार, स्थानीय कानून या अदालत के आदेश के तहत, किसी देश में अकाउंट या पोस्ट को अस्थायी रूप से ब्लॉक किया जा सकता है. सरकार का यह बयान महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट होता है कि मौजूदा ब्लॉकिंग कार्रवाई किसी सक्रिय सरकारी सेंसरशिप का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह तकनीकी प्रक्रिया या पुराने आदेश की गलती हो सकती है.