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केंद्र सरकार ने लिया बड़ा फैसला, बिना प्रिस्क्रिप्शन के नहीं खरीद पाएंगे कफ सिरप

देश में कफ सिरप से जुड़े गंभीर मामलों के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. अब कफ सिरप डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के बिना नहीं मिलेगा. यह फैसला मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में बच्चों की मौत के मामलों के बाद लिया गया.

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Edited By: Princy Sharma
Cough Syrup India Daily
Courtesy: Grok

नई दिल्ली: देश में कफ सिरप से जुड़े गंभीर हादसों के बाद आखिरकार केंद्र सरकार एक बड़े फैसले के साथ आगे आई है. दिसंबर की शुरुआत से पहले ही सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अब कफ सिरप बिना डॉक्टर की प्रिस्क्रिप्शन के नहीं खरीदा जा सकेगा. यह फैसला उस समय लिया गया है जब हाल ही में मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के कई मामले सामने आए, जिससे पूरे देश में हड़कंप मच गया था. 

सरकार की शीर्ष नियामक औषध परामर्श समिति ने अपनी 67वीं बैठक में कफ सिरप की ओवर द काउंटर बिक्री पर रोक लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यानी अब मेडिकल दुकानों पर आपको कफ सिरप आसानी से नहीं मिलेगा पहले डॉक्टर का लिखित प्रिस्क्रिप्शन दिखाना अनिवार्य होगा. 

सरकार का नया नियम

अब तक कफ सिरप आसानी से ओवर द काउंटर मिल जाता था, जिसके कारण कई लोग बिना किसी मेडिकल सलाह के इन दवाओं का इस्तेमाल करते थे. लेकिन अब सरकार ने कफ सिरप को उस श्रेणी से बाहर कर दिया है, जिन दवाओं को डॉक्टर की पर्ची के बिना बेचा जा सकता है. सरकार का यह कदम देश में दवा के दुरुपयोग को रोकने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

क्यों लिया गया यह फैसला?

सरकार ने यह निर्णय केवल घरेलू घटनाओं के कारण नहीं लिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि प्रभावित होने के कारण भी उठाया है. कुछ समय पहले मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में 'कोल्ड्रिफ' कफ सिरप पीने से लगभग 24 बच्चों की मौत हो गई थी. इसके अलावा राजस्थान, गुजरात और कई अन्य राज्यों में भी ऐसे मामलों की पुष्टि हुई थी. इन घटनाओं ने देशभर में चिंता बढ़ा दी थी.

विदेश में भी बच्चों की मौत

इसके साथ ही विदेशों में भी भारत निर्मित कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले सामने आए. उज़्बेकिस्तान में 68 बच्चों और इंडोनेशिया में 200 से अधिक बच्चों की मौत के बाद वैश्विक स्तर पर भारत की दवा उद्योग की छवि को नुकसान पहुंचा. गाम्बिया में भी ऐसे ही हादसे रिपोर्ट किए गए. इन घटनाओं के बाद WHO ने भारत में बनी तीन मिलावटी दवाओं की पहचान की, जिनमें श्रीसन फार्मास्युटिकल्स की कोल्ड्रिफ, रेडनेक्स फार्मा की रेस्पिफ्रेश टीआर और शेप फार्मा की रीलाइफ शामिल थीं.

कफ सिरप का गलत इस्तेमाल

सरकार का कहना है कि इस फैसले के कई फायदे होंगे. पहला कफ सिरप या कोडीन आधारित सिरप का नशे के लिए हो रहा गलत इस्तेमाल रुकेगा. दूसरा लोग अब बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक और अन्य दवाओं का अनियंत्रित सेवन नहीं कर पाएंगे, जिससे एंटीबायोटिक रजिस्टेंस जैसी गंभीर समस्या को भी रोका जा सकेगा. कई बार लोग मामूली खांसी-जुकाम में भी खुद दवा खरीद लेते हैं, जिससे दवाओं का असर कम होता जाता है और संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.

सरकार की नई गाइडलाइन 

सरकार की नई गाइडलाइन के बाद दवा दुकानों को भी सख्ती से नियमों का पालन करना होगा. यदि वे बिना प्रिस्क्रिप्शन के कफ सिरप बेचते पाए गए, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है. कुल मिलाकर, यह फैसला बच्चों की सुरक्षा और दवाओं के जिम्मेदार उपयोग की दिशा में सरकार का एक बड़ा कदम माना जा रहा है. अब खांसी-जुकाम में भी दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाएगा और यही आपकी और आपके परिवार की सेहत के लिए बेहतर है.