Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच भड़की जंग में हिंदुस्तान से युवाओं को कबूतरबाजी के जरिए पहुंचाया जा रहा है. केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने कबूतरबाजी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ किया है. 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में से एक रशियन डिफेंस मंत्रालय में अनुवादक के तौर पर काम करता था. रशियन मंत्रालय में काम कर रहा ट्रांसलेटर कबूतरबाजी के जरिए भारतीयों को रूस पहुंचा रहा था. यही लड़ाके, यूक्रेन में लड़ने के लिए तैयार किए जा रहे थे. केरल और तमिलनाडु के लोग कबूतरबाजी के ज्यादा शिकार हुए हैं. उन्हें बड़ी नौकरी और ज्यादा सैलरी देने के नाम पर भेजा गया.
युवाओं को ये पता ही नहीं था कि उन्हें जंग लड़नी है. 4 लोगों को उन्होंने गिरफ्तार किया है. जिन 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम निजिल जोबी बेनसम, एंथोनी माइकल, अरुण और येसुदास जूनियर शाम हैं. CBI के भंडाफोड़ के बाद से ही जांच एजेंसियां अलर्ट पर हैं. आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 370, 420, 120बी के तहत एक्शन लिया जा रहा है. यह रैकेट देशभर के बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था. युवाओं को सोशल मीडिया के जरिए फंसाने की कोशिश की जाती थी. उन्हें लुभावने प्रलोभन दिए जा रहे थे और ऊंची पोस्ट का लालच दिया जा रहा था.
जबरन यूक्रेन की जंग में भेजे जा रहे हिंदुस्तानी!
युवाओं को ट्रेनिंग के बाद यूक्रेन में जंग लड़ने भेजा जा रहा था. उन्हें जबरन भेजा जाता था. उन्हें उन्हीं क्षेत्रों में भेजने की तैयारी थी जहां यूक्रेन और रूस में भीषण जंग चल रही थी. प्राइवेट वीजा कंसल्टेंसी फर्म को भी CBI ने अपनी रडार पर लिया है. इन एजेंसियों का देश के हर कोने में संपर्क था.
नौकरी का ऑफर देकर हो रहा है खेल!
आरोपी निजिल जोबी बेंसम रूस में काम कर रहा था. वह ट्रांसलेटर था और पूरे नेटवर्क को ऑपरेट करता था. माइकल एंथनी दुबई में बैठे फैसल बाबा की मदद से लोगों को वीजा भेजता. चेन्नई से पहले लोग दुबई आते और उन्हें भेजा जाता. आरोपी अरुण और येसुदास भारत से ऐसे लोगों की भर्ती करते थे. ये दोनों केरल और तमिलनाडु के रहने वाले हैं. छानबीन जारी है. इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार करने की कोशिश की जा रही है.
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