Lok Sabha Election Result: देश में 7 चरणों में हुए लोकसभा चुनाव का क्लाइमेक्स अब सामने आ गया है. 4 जून यानी मंगलवार को मतगणना होनी है. इसमें साफ हो जाएगा NDA और INDIA गठबंधन में कितना दम है. 1 जून को आए एग्जिट पोल की मानें तो NDA को बहुमत मिल सकता है. हालांकि, इसमें BJP का नंबर क्या होगा? क्योंकि ये चुनाव 2014 और 2019 के चुनावों से काफी अलग था. आइये ऐसे में जानें अगर भाजपा को अच्छे नंबर आते हैं तो उन्हें किन 5 बातों का ध्यान रखना होगा.
देश में लोकसभा 2024 का चुनाव 7 चरणों में हुआ. इसमें देश की जनता ने बढ़चढ़ हिस्सा लिया. 80 दिन तक चले इस त्यौहार में 543 सीटों से 51 पार्टियों के 8360 उम्मीदवारों मैदान में रहे. अत नतीजों का वक्त आया है. ऐसे में आइये जानें वो 5 बातें जिनपर बीजेपी को ध्यान देना होगा.
2013 में नरेंद्र मोदी पार्टी पार्टी का चेहरा बनने के बाद छाए रहे. 2014 और 2019 में उन्हें मिले जनादेश ने बताया कि उन्होंने कैसे सारी सीमाओं को पार किया. अगल-अलग लोग गठबंधन में जुड़े. हालांकि पिछले इसबार गरीब तबका और युवा थोड़ी नाराज नजर आया. इसके अलावा विपक्ष की जाति जनगणना की बात भी सामने आई. ऐसे में अब हिंदी पट्टी की पकड़ मायने रखती है. अगर भाजपा को यहां बढ़त मिलती है तो ये विपक्ष के नैरेटिव की हार होगी. इसी पार्टी का बरकरार रखना होगी.
अमित शाह की निगरानी में पार्टी 24X7 काम पर लगी रही. पिछले कुछ सालों में ये 24X7X365 में बदल गया है. पार्टी ने सोशल मीडिया से लेकर जमीन तक पहुंच बढ़ाई है. हालांकि, कहीं न कही ये देखा गया कि चुनावी मशीनरी PM मोदी के अधीन हो रही है. ऐसे में इस चुनाव में देखा गया कि उम्मीदवारों के चयन और गठबंधन में असंतोष रहा. संघ के साथ रिश्ते को लेकर भी खबरें गर्म रही. ऐसे में BJP को बड़ा नंबर हासिल होता है तो उन्हें मैनेज करना होगा.
राज्य और संसद के लिए मतदाता अलग-अलग चुनाव करते हैं. 2019 में ये साफ तौर पर ओडिशा में देखने को मिला. ऐसे में इस बार के नतीजे देखने लायक होंगे. अगर विधानसभा में बीजेपी को बढ़त मिलती है तो पार्टी को एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए बल मिलेगा. अभी अरुणाचल में भाजपा ने जीत हासिल की है. हालांकि, सिक्किम में हार का सामना करना पड़ा. अब कल साफ होगी की बाकी के राज्यों में क्या होता है? इनके रिजल्ट के अनुसार बीजेपी को आगे बढ़ना होगा.
साल 2019 के चुनाव में बीजेपी ने अकेले के दम पर 303 सीटें हासिल की थी. इसके बाद कई सहयोगी अपने आपको अलग महसूस करने लगे. इसका परिणाम हुआ की धीरे-धीरे गठबंधन टूटने लगा. हालांकि, भाजपा ने कोशिश कर महाराष्ट्र में शिवसेना और NCP को तोड़ लिया और बिहार में JDU और कर्नाटक में JDS को वापस ले आए. पर पंजाब में अकाली दल को लेकर मामला फेल हो गया. ऐसे में अब इन बातों का ध्यान रखना होगा.
लोकसभा चुनाव 2024 के पूरे प्रचार में भाजपा ने मोदी की गारंटी का प्रचार किया. इसमें समाज के गरीब, युवा और महिलाओं के लिए बड़े-बड़े वादे किए गए. हालांकि, विधानसभा चुनावों में कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना कांग्रेस की गारंटी को जनता ने वोट किया. अब अगर मोदी की गारंटी पर वोट आते हैं तो भाजपा को उसे पूरा करना एक टास्क होगा. क्योंकि, अभी आगे कई राज्यों के चुनाव हैं.