Himachal Flash Floods: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार शाम से भारी बारिश और बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी. अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, एक व्यक्ति घायल है और एक महिला लापता है. भारी बारिश के चलते नालों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए और शहर के कई इलाकों में पानी और मलबा घुस गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में जेल रोड, सैणी मोहल्ला और जोनल अस्पताल के आस-पास के क्षेत्र शामिल हैं. जिसमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है. एक महिला और उसका बेटा घायल हैं, जिनका इलाज जोनल अस्पताल में चल रहा है. एक अन्य महिला अब भी लापता है.
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल यानी NDRF पुलिस और होमगार्ड्स द्वारा राहत एवं बचाव कार्य जारी है. अब तक 15 से 20 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है. सार्वजनिक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और बिजली विभाग की टीमें भी मलबा हटाने और सेवाओं को बहाल करने में लगी हुई हैं.
आपदा के चलते विपाशा सदन में एक राहत शिविर स्थापित किया गया है. कई परिवारों ने अस्थायी शिविरों या रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र यानी SEOC के अनुसार, प्रदेशभर में 358 सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है, जिनमें से 259 केवल मंडी जिले में हैं. साथ ही, 182 ट्रांसफॉर्मर और 179 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं. चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग NH-21 पर मंडी और कुल्लू के बीच कई जगहों पर भारी क्षति हुई है.
मंडी सदर सबडिवीजन में सड़कें अवरुद्ध होने के कारण स्कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र मंगलवार को बंद रहे. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस त्रासदी पर गहरा दुख व्यक्त किया और अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता देने के निर्देश दिए. विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने भी मंडी में आई आपदा पर चिंता जताई.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंडी, कुल्लू और कांगड़ा के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया था, जबकि शिमला, सिरमौर और चंबा सहित कई जिलों के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी है. लोगों को ब्यास नदी और इसकी सहायक नदियों से दूर रहने की सलाह दी गई है, जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. 20 जून से शुरू हुए मानसून के बाद से हिमाचल में अब तक 94 लोगों की मौत, 36 लापता और 1,350 से अधिक मकानों को नुकसान हुआ है. कुल क्षति ₹1,539 करोड़ से अधिक हो चुकी है.