नए पार्टी अध्यक्ष को लेकर गतिरोध के बीच भारतीय जनता पार्टी किसी महिला को अपना अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है. भाजपा प्रमुख के रूप में जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो गया था, लेकिन पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए उनका कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया. पार्टी के वरिष्ठ नेता व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं और शीर्ष पद के लिए कई प्रमुख महिला राजनेताओं पर विचार किया जा रहा है जिनमें निर्मला सीतारमण, डी पुरंदेश्वरी और वनाथी श्रीनिवासन जैसी नेता शीर्ष दावेदार हैं.
इस दौड़ में सबसे आगे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं जिन्होंने हाल ही में भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और महासचिव बीएल संतोष के साथ पार्टी मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की. उनका नाम एक मजबूत दावेदार के रूप में देखा जा रहा है अंदरूनी सूत्रों ने उनके व्यापक अनुभव और नेतृत्व क्षमता की ओर इशारा किया है. अगर सीतारमण को नियुक्त किया जाता है तो उनकी पदोन्नति से भाजपा को दक्षिण भारत में अपना विस्तार करने में मदद मिल सकती है. उनका नेतृत्व लोकसभा में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33 प्रतिशत आरक्षण के साथ पार्टी के तालमेल को भी दर्शाएगा, जिसे अगले परिसीमन अभ्यास के बाद लागू किए जाने की उम्मीद है. सरकार में एक वरिष्ठ नेता, सीतारमण पहले रक्षा मंत्री के रूप में काम कर चुकी हैं और पार्टी संगठन में उनकी गहरी पैठ है.
डी पुरंदेश्वरी
इस सूची में एक और महत्वपूर्ण नाम है डी पुरंदेश्वरी का जो आंध्र प्रदेश भाजपा की पूर्व अध्यक्ष हैं. बहुभाषी नेता पुरंदेश्वरी का राजनीतिक क्षेत्र में एक विशिष्ट करियर रहा है. पुरींदेश्वरी को “ऑपरेशन सिंदूर” प्रतिनिधिमंडल के लिए भी चुना गया था, जो विभिन्न देशों का एक बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल था.
वनथी श्रीनिवासन
इस पद के लिए वनथी श्रीनिवासन पर भी विचार किया जा रहा है. तमिलनाडु की एक वकील से राजनेता बनी वनथी वर्तमान में राज्य विधानसभा में कोयंबटूर दक्षिण का प्रतिनिधित्व करती हैं. 1993 में भाजपा में शामिल होने के बाद से वनथी ने कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं जिनमें राज्य सचिव महासचिव और तमिलनाडु की उपाध्यक्ष शामिल हैं. 2020 में पार्टी ने उन्हें भाजपा महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया और 2022 में वह भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं, जो उस पद पर पहुंचने वाली पहली तमिल महिला थीं.
आरएसएस एनओडी
सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने महिला नेतृत्व के प्रतीकात्मक और रणनीतिक लाभों को मान्यता देते हुए पार्टी के शीर्ष पद पर एक महिला को नियुक्त करने के विचार का समर्थन किया है. हाल के चुनाव चक्रों में महिला मतदाताओं ने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, विशेष रूप से महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों में. यदि भाजपा इस कदम पर आगे बढ़ती है तो यह उसके इतिहास में पहली बार होगा कि किसी महिला को राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.