नई दिल्ली: सनातन धर्म पर तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी के बाद पैदा हुए विवाद के बीच मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बड़ा बयान दिया है. एआईयूडीएफ प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि "कोई भी किसी भी धर्म के ऊपर टिप्पणी करें, वो चाहे बदरुद्दीन ही क्यों न करें. यह बुरी और गलत बात है. हर एक को दूसरे के धर्म का सम्मान और इज्जत करना चाहिए. हम लोग इस तरह के किसी भी बयान का समर्थन नहीं करते और इसे बुरा मानते हुए ऐसे विचारों को खारिज करते हैं"
VIDEO | "It's wrong to comment on any religion. One should respect the religion of others. We condemn this type of statement," says All India United Democratic Front (AIUDF) chief @BadruddinAjmal on Tamil Nadu minister Udhayanidhi Stalin's remarks on 'Sanatan Dharma'. pic.twitter.com/UhhZAGElQq
— Press Trust of India (@PTI_News) September 12, 2023
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर जारी है विवाद
उदयनिधि स्टालिन के बयान का एक क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में स्टालिन ने आयोजकों का आभार जताते हुए कहा कि "मैं सम्मेलन को 'सनातन धर्म का विरोध' करने के बजाय 'सनातन धर्म को मिटाओ' कहने के लिए आयोजकों को बधाई देता हूं. कुछ चीजें हैं जिसे खत्म करना है, हम केवल विरोध नहीं कर सकते. मच्छर, डेंगू बुखार, मलेरिया, कोरोना का हम विरोध नहीं कर सकते बल्कि इन्हें मिटाना है और सनातन धर्म भी ऐसा ही है"
उदयनिधि स्टालिन के बयान की आग की चिंगारी बुझी हुई नहीं थी कि DMK सांसद ए राजा ने सनातन धर्म का अपमान करते हुए इसकी तुलना HIV से कर डाली. ए राजा ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि 'सनातन धर्म सामाजिक बीमारी है. यह कुष्ठ रोग और एचआईवी से भी ज्यादा घातक है'
जगदानंद सिंह ने टीका लगाने को लेकर दिया विवादित बयान
DMK नेता डी राजा से पहले बिहार में RJD नेता जगदानंद सिंह ने सनातान पद्धति में टीका लगाने को लेकर कहा कि "टीका लगाकर घूमने वालों ने भारत को गुलाम बनाया. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि भारत गुलाम किसके समय में हुआ था. क्या उस वक्त गरीबों की चिंता करने वाला कोई था? क्या उस समय कर्पूरी ठाकुर थे? लालू यादव थे? राम मनोहर लोहिया थे? टीका लगाकर घूमने वालों ने देश को गुलाम बनाया था. एक बार फिर से भारत को गुलाम बनाने का प्रयास किया जा रहा है"
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